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अमेरिका के रक्षा सचिव जिम मैटिस ने अमेरिकी कांग्रेस से भारत को राष्ट्रीय सुरक्षा सौदों में छूट देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है। रूस से रक्षा सौदे करने के कारण भारत पर लगाई जाने वाली कोई भी पाबंदी अमेरिका के हित में नहीं हैं।

गौरतलब है कि अमेरिका ने जनवरी, 2018 में इससे जुड़ा कानून लागू किया है। कानून के मुताबिक अगर कोई देश रूस से सैन्य उपकरण खरीदता है तो अमेरिका उनको अपने उपकरण नहीं बेचेगा।

सीनेट की शस्त्र सेवा समिति की ओर से बुलाई गई कांग्रेस की सुनवाई में मैटिस ने कहा कि अमेरिका को भारत समेत अन्य देशों को राष्ट्रीय सुरक्षा सौदों में तत्काल छूट देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अमेरिका के प्रतिबंधों से बचने के लिए ये देश रूस के साथ रक्षा समझौतों से पीछे हट रहे हैं, जो अमेरिका के भी हित में नहीं है।

इस साल जनवरी में लागू हुए कानून में अनिवार्य कर दिया गया है कि रूस के रक्षा या खुफिया क्षेत्र से करार करने वाले देशों को ट्रंप प्रशासन दंडित करे। वहीं, भारत इस समय रूस के साथ अनुमानित 4.5 अरब डॉलर मूल्य के पांच एस-400 सिस्टम की खरीद के मामले में काफी आगे बढ़ चुका है। 

भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ेगा बुरा असर

मैटिस ने कहा कि कानून के कारण कई देश रूस से रक्षा सौदों के मामले में दूरी बढ़ा रहे हैं, लेकिन हमें भारत, वियतनाम के अलावा कुछ ही देशों पर ध्यान देना है।
इस कानून पर सीनेटर टॉम कॉटन ने मैटिस से कहा, ‘भारत और वियतनाम लंबे समय से रूस से सैन्य उपकरण खरीद रहे हैं। उन्हें सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।’ कुछ हफ्तों से पेंटागन, अमेरिकी सांसद और विशेषज्ञ इस कानून पर चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि रूस से रक्षा सौदाें के कारण कोई भी पाबंदी भारत-अमेरिका संबंधों पर बहुत बुरा असर डालेगी। 

कई स्तर की सुरक्षा उपलब्ध कराता है एस-400 सिस्टम 
एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम 400 किमी की दूरी तक विमान, मिसाइल और ड्रोन को नष्ट कर सकता है। यह प्रणाली तीन अलग-अलग तरह की मिसाइलों का प्रक्षेपण करने के साथ ही 36 लक्ष्यों पर एक साथ निशाना साध सकती है। इसलिए यह कई स्तर की सुरक्षा उपलब्ध कराती है। 

भारत-अमेरिका को समझने होंगे एक-दूसरे के हित
अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां कई पीढ़ियों में एक बार अमेरिका को ऐसे समान मौके मिलते हैं। ऐसे में दोनों देशों को एक दूसरे के हितों को समझना होगा। भारत अमेरिका से बड़ी मात्रा में सशस्त्र और निगरानी ड्रोन खरीदना चाहता है। 

अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सरकारी एजेंसियों को भारत जैसे देशों को आधुनिक ड्रोन निर्यात बढ़ाने का आदेश दे दिया है। मैटिस ने कहा कि भारत में हमारे लिए बहुत मौके हैं, जिन्हें तलाशने की भी जरूरत नहीं है। दोनों देशों में मजबूत और बेहतर संबंधों के लिए कई समान आधार हैं। 

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