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उदयपुर के गोंदा गांव के रहने वाले दलपत की शराब पीने की आदत से सभी लोग बेहद परेशान रहते थे। दिन हो या रात वो कभी भी शराब पीकर आ जाता और बीवी को खूब पीटता था। कभी तो नशे में टुन होकर दिन भर पड़ा रहता था। 19 दिसंबर को भी दलपत ने वही किया।

खूब शराब पी ली थी। मगर उस दिन वो अचानक गायब हो गया और फिर दिन भर नजर नहीं आया। किसी ने भी उसकी कोई खास सुध नहीं ली क्योंकि घरवालों और गांव वालों को लगता था कि दलपत कहीं शराब पीकर सो गया होगा। किंतु 20 दिसंबर की रात लगभग 02:00 बजे उसकी बीवी थावरी ने अपने ससुर को सोते से जगाया और बताया कि दलपत रात से गायब है।

वो शौच के लिए निकला था तबसे लौटा ही नहीं है। इसके बाद घरवालों ने दलपत की तलाश शुरू की। घर के पीछे कुछ दूरी पर दलपत का शव उसकी लाश पड़ी हुई मिली। बस थोड़ी सी खोजबीन करने पर उसके गले में रस्सी के निशान भी थे। उसे शरीर में कई जगह चोट लगी हुई थी, जिससे कि खून आ रहा था। यह देख कर के कोहराम मच गया। पुलिस को खबर दी गई।

पुलिस ने देखा कि दलपत की लाश पर चोट के निशान थे। वो यहां वहां से खुरच गया था। सबको लग रहा था कि दलपत शराब के नशे में गड्ढे में गिर गया होगा और उसकी जान चली गई। उसकी बीवी और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। इधर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और लोगों से पूछताछ की गई।

पुलिस की पूछताछ में मरने वाले दलपत के बड़े भाई सुरेश ने बताया कि 19 दिसंबर को उसने देखा था कि दलपत को उसकी बीवी थावरी खींच कर ले जा रही है। उसके साथ में एक और औरत थी। उसे लगा कि वो नशे में होगा तो उसे उठाकर घर ले जा रहे हैं। अब उदयपुर पुलिस ने इस मामले में दलपत की बीवी थावरी से सख्ती से बात की। इस दौरान कुछ ही सवालों में थावरी टूट गई और उसने  सच उगल दिया।

चाची को बनाना चाहता था पत्नी

पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसका पति दलपत शराब के नशे में उसके साथ बुरी तरह गाली गलौच और मारपीट करता था। इतना ही नहीं बीवी के अलावा दलपत अपनी चाची कालीबाई के साथ भी नशे में गाली गलौच किया करता था। शराब का शैतान उस पर जब हावी होता तो वो अपनी चाची को ही अपनी पत्नी बनाकर रखने की धमकी देता था।

पत्नी ने रची हत्या की साजिश

इन सब वजहों से पत्नी और चाची तंग आ गई थी। दलपत से छुटकारा पाने के लिए दोनों ने मिलकर उसकी हत्या का प्लान बना डाला। दलपत की इन हरकतों से थावरी और कालीबाई चाची दोनों इस कदर परेशान थे कि क्या करें। लिहाजा थावरी ने पति को मार डालने की प्लानिंग की और इसके लिए उसने काकी को अपने पक्ष में मिला लिया।

चाची कालीबाई भी आए दिन की गाली गलौच से परेशान हो गई थी। उस पर से चाची भतीजे का रिश्ता होने के बाद भी दलपत शराब के नशे में उसे गंदी नजरों से देखता था। लिहाजा उसने भी दलपत की हत्या करने की साजिश में थावरी का साथ देने के लिए हामी भर दी। 19 दिसंबर की रात को जब दलपत शराब पीकर सोया हुआ था तो थावरी ने पहले खुद शराब पी। अपनी मांग का सिंदूर मिटाया और फिर साड़ी से उसका गला घोंट डाला। काकी कालीबाई ने इसमें उसका पूरा सहयोग किया।

 

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