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Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से मजबूत लोगों से अटल आयुष्मान योजना का लाभ न लेने का आग्रह करने की योजना बनाई है। इस स्कीम के तहत राज्य के सभी लोगों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है, मगर बढ़ते बजट ने सरकार के लिए चिंता का विषय बना दिया है। वित्त विभाग ने सीमित संसाधनों को देखते हुए इस पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है।
केंद्र सरकार ने 2018 में इस योजना की शुरुआत की थी, जिसमें उत्तराखंड के केवल 5.37 लाख गरीब परिवार ही पात्र थे, जबकि राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 23 लाख परिवारों के लिए लागू किया। अब तक 12.32 लाख लाभार्थियों का इलाज किया जा चुका है, जिस पर 2289 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। प्रारंभिक वर्षों में इस योजना का वार्षिक बजट 100-200 करोड़ रुपये था, जो अब 600 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और वित्तीय वर्ष 2025-26 तक यह 1200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से अपील करेगी कि वे इस योजना का लाभ न लें, ताकि जरूरतमंदों को अधिक फायदा हो सके। राज्य में 23.89 लाख राशन कार्ड धारक परिवार हैं, जिनमें से 97.11 लाख के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।
हालांकि, आयुष्मान योजना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार किया है, मगर वित्त विभाग का कहना है कि बढ़ते खर्च को देखते हुए इसमें संशोधन करना जरूरी है। सरकार का मकसद जरूरतमंदों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, और इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। इस प्रकार, योजना को टिकाऊ और प्रभावी बनाए रखने के लिए बजट नियंत्रण और सही लाभार्थियों की पहचान के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।