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uttarakhand news: मानसून ने बड़ोली गांव (चंपावत) के निवासियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, जिससे उन्हें तहसील मुख्यालय, बाजार और स्कूल जैसी जरूरी जगहों पर पहुंचने के लिए दो लकड़ी के अस्थायी तख्तों का इस्तेमाल करके नदी पार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों के लिए वक्त पर परिवहन की उचित व्यवस्था न होने के कारण वे लकड़ी तख्तों का इस्तेमाल करके नदी पार करने का जोखिम उठा रहे हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

फिलहाल बदोली के ग्रामीण नदी पार करने के लिए लकड़ी के तख्तों की खुद की बनाई व्यवस्था का इस्तेमाल कर अपनी जान हथेली पर रखकर मुख्य सड़कों पर पहुंच रहे हैं। ये स्थिति खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि जरा सी चूक से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। गांव की प्रधान रीता थ्वाल ने बताया कि बारिश के कारण गांव को काफी नुकसान हुआ है, जिससे 500 से ज्यादा लोगों की आबादी प्रभावित हुई है, जिन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं और सदियों पहले बनाया गया पैदल पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया है, जिससे सुरक्षित नदी पार करने के लिए आगे के प्रयास जटिल हो गए हैं। फिलहाल ग्रामीण नदी पार करने के लिए वैकल्पिक उपाय के तौर पर लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे जोखिम बना हुआ है। इस गांव में दो सौ से ज्यादा परिवार रहते हैं। 

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