Uttarakhand News: विकास के दावों के बावजूद पहाड़ी इलाकों के कई गांव आज भी बुनियादी वाहन सुविधाओं को लाभ नहीं ले पा रहे हैं। कपकोट के बीथी गांव की स्थिति भी इससे अलग नहीं है, जहां ग्रामीणों को बीमार पड़ने पर डोली का सहारा लेना पड़ता है।
हाल ही में बीना देवी नामक एक महिला को अचानक पेट में तेज दर्द हुआ। उसे पांच किलोमीटर दूर सड़क तक लाने के लिए ग्रामीणों ने डोली का इस्तेमाल किया और फिर वहां से वाहन की मदद से उसे सीएचसी कपकोट पहुंचाया गया।
बीथी गांव की आबादी करीब करीब 250 है और ये सड़क और संचार सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है। गांव के लिए निर्माणाधीन दूणी-सुकंडा सड़क केवल पांच किलोमीटर दूर तक ही बन पाई है जिसके चलते लोगों को पैदल चलकर अपने गांव पहुंचना पड़ता है।
आपको बता दें कि ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कई बार ज्ञापन दिए हैं। पूर्व विधायक शेर सिंह गढि़या ने आश्वासन दिया था और राज्य के सीएम सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी ज्ञापन सौंपा गया था। आश्वासन मिलने के बावजूद सड़क निर्माण की प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई है। इस स्थिति के कारण बीमार और बुजुर्गों को डोली पर लाना उनकी मजबूरी बन गई है।
--Advertisement--