आचार संहिता की घोषणा की खबरों ने 23 दिन से धरने पर बैठे डायट डी एल एड प्रशिक्षितों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। एक ओर जहां ये युवा कई दिनों से धरने पर बैठे हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री डा०धन सिंह रावत और शिक्षा सचिव रविनाथ रमन स्वीडन की विदेश यात्रा पर हैं। धरना स्थल पर मौजूद कई महिला एवं पुरुष प्रशिक्षित रोते बिलखते नज़र आए। धरने पर मौजूद शीतल बिष्ट ने बताया की "हम 23 दिन से अपना परिवार छोड़कर यहां धरने पर बैठे थे लेकिन सरकार और विभाग ने हमारी कोई सुध नहीं ली, मंत्री जी को विदेश यात्रा का समय तो मिल गया लेकिन शिक्षक विहीन विद्यालयों के बच्चों का भविष्य अंधकार में जाता नजर नहीं आया।"
अन्य प्रशिक्षित बेरोजगार शिवराज रावत ने बताया की “शिक्षा मंत्री के इस धोखे का जवाब उनको लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा, हम डी एल एड प्रशिक्षित बेरोजगार और हमारा परिवार इस लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।”
मायूसी से भरे इन युवाओं के चेहरों को देखकर प्रदेश की अन्य जनता की खुशहाली का अंदाजा भी लगाया जा सकता है। शिक्षा मंत्री जब तक विदेश यात्रा से लौटेंगे तब तक प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों का एक साल और अंधकार में जा चुका होगा।
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