Uttarakhand Political News: हरिद्वार शहर की मंगलौर सीट पर हो रहे उपचुनाव भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे हैं। यह उपचुनाव बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद हो रहा है और इस सीट पर भाजपा आज तक जीत हासिल नहीं कर पाई है। हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां भाजपा के मुकाबले 23,001 मतों की बढ़त दर्ज की, जो कि कांग्रेस की किसी भी विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी लीड थी।
इस तरह, भाजपा के सामने इस उपचुनाव में सत्ताधारी दल की जीत के मिथक को तोड़ने की चुनौती है। भाजपा ने इस जीत के लिए एक मजबूत योजना भी तैयार की है।
उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनावों का गणित हमेशा सत्ताधारी दल के पक्ष में झुका रहा है। अब तक हुए 15 में से 14 उपचुनावों में सत्ता पक्ष को जीत मिली है। राज्य का पहला विधानसभा उपचुनाव सन् 2002 में रामनगर सीट पर हुआ था, जहां तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी ने कांग्रेस के टिकट पर इलेक्शन जीता था।
इसके बाद, द्वाराहाट सीट पर यूकेडी विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके पुत्र पुष्पेश त्रिपाठी ने यूकेडी के टिकट पर जीत हासिल की। प्रदेश में अब तक 13 अन्य सीटों पर विभिन्न समयों में उपचुनाव हो चुके हैं, जिसमें हर बार सत्ताधारी दल को ही सफलता मिली है। हालांकि, लोकसभा उपचुनावों में विपक्ष को भी जीत मिली है, मगर विधानसभा उपचुनावों में सत्ताधारी दल का दबदबा कायम रहा है।
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