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उत्तरकाशी की टनल में फंसे 41 लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वां दिन है। ऑर्गन मशीन के टूटे हिस्से को बाहर निकाल लिया गया है। प्लाज्मा कटर से काटकर उसको बाहर निकाला गया है। इस बीच मैनुअल ड्रिलिंग का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। अब तक करीब 35 मीटर से ज्यादा वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी कर ली गई है।

एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए मैनुअल ड्रिलिंग एक्सपर्ट टेक्नीशियन ने बताया है कि 36 घंटे लग सकते हैं। इस बीच एनडीएमए के सदस्य रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा है कि वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद मजदूरों को एक एक करके डलिया में बैठाकर बाहर निकाला जाएगा।

श्रमिको को एक एक करके डलिया में बैठाकर बाहर निकालने की तकनीक कुछ श्रवण कुमार की तकनीक जैसा है, जो अपने माता पिता को टोकरी में बैठाकर चार धाम की यात्रा कराने के लिए घर से निकले थे। हो सकता है श्रवण कुमार की तकनीक से ही मजदूर टनल से बाहर निकाले जाएं।

दूसरी तरफ सुरंग में फंसे श्रमिको को बाहर निकालने के लिए रैट माइन्स की एक टीम को आरा बुलाया गया है। ये रेजिमेंट अब अपने दम पर मजदूरों को निकालने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाने जा रही है। बारी बारी से रेस्क्यू के लिए बनाई गई पाइप लाइन के अंदर छोटा सा फावड़ा लेकर जाएंगे और छोटी ट्रॉली में एक बार में 6 से 7 किलो मलबा लादकर बाहर निकालेंगे। इस दौरान माइनर के पास ऑक्सीजन मास्क, आंखों की सुरक्षा के लिए विशेष चश्मा और पाइप लाइन के अंदर एयर सर्कुलेशन के लिए ब्लोअर मौजूद होगा।

 

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