जीवन में वास्तु शास्त्र का अहम महत्व है। कई बार ऐसा होता है कि लोग बहुत अधिक मेहनत करते हैं फिर भी तरक्की नहीं पर पाते हैं। उन्हें हमेशा आर्थिक मुश्किल झेलनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में उन्हें वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि ऑफिस या दुकान में कभी भी दक्षिण दिशा में मुंह करके नहीं बैठना चाहिए। ऐसा करने से प्रगति रुक जाती है। अगर नौकरी और बिजनेस में तरक्की चाहते हैं तो पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा की तरफ ही मुंह करके बैठना चाहिए।
कार्य स्थल पर मंदिर हमेशा ईशान कोण में ही रखना चाहिए। साथ ही कार्यस्थल पर बैठते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये कि कभी भी मंदिर की तरफ पीठ न पड़े। आया होने पर जीवन में नकारात्मकता आने लगती है।
वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि कार्यस्थल पर जहां आप बैठते हैं वहां आपकी कुर्सी के पीछे खाली स्थान नहीं होना चाहिए। कुर्सी के पीछे खाली जगह होना अशुभ होता है और निगेटिव एनर्जी आती है। आपकी कुर्सी के पीछे हमेशा दीवार होनी चाहिए। साथ ही जिस टेबल पर आप काम आकर रहे हैं वह भी टेबल आयताकार होनी चाहिए।
कार्यस्थल या दुकान में तिजोरी ऐसे स्थान पर रखनी चाहिए जहां पर तिजोरी का दरवाजा खुले तो उसका मुंह उत्तर दिशा में हो।