वास्तुशास्त्र में घर में रखी हर वस्तु को सकारात्मक या फिर नकारात्मक एनर्जी से जोड़कर देखा जाता है। घर में रखी हर चीज का असर घर के सदस्यों पर पड़ता है। इस तरह से अगर घर के शयनकक्ष में रखी किसी चीज में वास्तु दोष होता है तो उसकी वजह से घर में हमेशा नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि जिन घरों में वास्तुदोष होता है वहां पर हमेशा धन हानि, कार्यों में असफलता, बाधाएं, बीमारियां और घर के सदस्यों में तनाव बना रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार के बाद सबसे खास जगह शयनकक्ष ही होती है। शयन कक्ष ही ऐसी जगह है जहां पर व्यक्ति दिनभर की थकान को मिटाकर एक नई ऊर्जा को प्राप्त करता है। ऐसे में शयनकक्ष में किसी भी प्रकार का वास्तु संबंधी दोष नहीं होना चाहिए।
वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि घर का मुखिया जिस कमरे में सोता है उसका बिस्तर हमेशा दक्षिण- पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसके साथ ही पति-पत्नी का शयनकक्ष उत्तर-पश्चिम के क्षेत्र में बना सकते हैं। कहते हैं इस इस दिशा में कमरा होने से आपसी संबंधों में प्रगाढ़ता आती है।