मध्यप्रदेश का इलेक्शन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए इज्जत का सवाल बन गया है। दोनों ही पार्टी कोई भी गलती नहीं करना चाहती। यही कारण है कि दोनों ही पार्टियों ने महाकौशल रीजन पर अपना झंडा फहराने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर मध्यप्रदेश को फतह करना है तो महाकौशल क्यों अहम है।
दरअसल राज्य में जीत का रास्ता महाकौशल से ही होकर गुजरता है। क्योंकि यहां से न केवल सीटें बल्कि जातिगत समीकरणों को साधना भी आसान हो जाता है। इसी कारण से सियासी पार्टियों ने महाकौशल को कभी हल्के में नहीं लिया क्योंकि यह विधानसभा इलेक्शन आगामी लोकसभा इलेक्शन का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में सभी पार्टियों के लिए दम लगाना और भी ज्यादा अहम है।
राज्य को भौगोलिक दृष्टि से देखें तो ये महाकौशल, मालवा, निमाड़, बुंदेलखंड, ग्वालियर, चंबल जैसे हिस्सों में बंटा हुआ है। इनमें से महाकौशल एक अहम हिस्सा है। भौगोलिक भी और राजनीतिक दृष्टि से भी। ये विंध्य पर्वत श्रृंखला की उत्तरी सरहद से घिरा हुआ है। इनमें मुख्य रूप से राज्य के अहम जिलों में से एक जबलपुर को शुमार है। इसके साथ साथ जोन में कटनी, शिवपुरी, छिंदवाडा, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी प्रमुख रूप से शामिल हैं। ऐसी लिए कहा जाता है कि जिस पार्टी इस इलाके को जीत लिया समझों पूरा राज्य जीत लिया।
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