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महात्मा विदुर एक महान विचारक और दूरदर्शी थे वे धृतराष्ट के सलाहकार और महामंत्री थे। अपनी इसी विशेषता की वजह से वे समय से पहले ही आने वाली परिस्थिति का अनुमान लगा लेते थे। वे महाराज धृतराष्ट्र के साथ ऐसी बातें करते थे जो हर इंसान जीवन के लिए बेहद उपयोगी होती थी। महात्मा विदुर ने अपनी विदुर नीति (Vidur Niti) में ऐसी 4 गलतियों का जिक्र किया है जो उन्हें कभी भी सफल नहीं होने देती है।

दृढ संकल्प की कमी

महात्मा विदुर (Vidur Niti)  बताते हैं कि व्यक्ति को सफलता पानी है तो उसे अपने लक्ष्य के प्रति दृढ संकल्प होना चाहिए। सबसे पहले उसे अपने मन से अफलता का डर निकाल देना चाहिए क्योंकि जब व्यक्ति में असफलता का भय होता है तो व्यक्ति अपने काम को पूरे मन से नहीं कर पाता है। वे कहते हैं कि जब भी कोई काम अधूरे मन से किया जाता है तो उसमें सफलता नहीं मिलती है।

किसी के नक़ल से काम न करें

(Vidur Niti) किसी भी व्यक्ति की नक़ल करके कोई भी काम नहीं शुरू करना चाहिए। हर व्यक्ति को अपनी क्षमता के हिसाब काम का चयन करना चाहिए। कोई भी काम शुरू करने के पहले व्यक्ति को अपने आप से ये सवाल जरूर करना चाहिए कि इस काम को मैं क्यों करूँ? और इसका रिजल्ट क्या होगा। क्या मैं इस काम में सफल हो पाऊंगा? अगर आपको इन प्रश्नों का सकरात्मक जवाब मिले तो ही कोई काम शुरू करना चाहिए क्योंकि बिना सोचे समझे किया गया काम असफलता दिलाता है।

मेहनत करें और गलतियों को सुधारें

किसी भी काम को अगर शुरू करें तो उसे बीच में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। गलतियों से सबक लेकर मेहनत करते रहना चाहिए तभी सफलता मिलती।(Vidur Niti) काम को अधूरा छोड़ देने से व्यक्ति को कभी भी सफलता नहीं मिलती है।

योजना शेयर न करें

कोई भी काम शुरू करने से पहले उसकी योजना जरूर बना लेनी चाहिए लेकिन इसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता नहीं मिलती।

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