img

Vijay Hazare Trophy 2024-25: कर्नाटक ने पांचवीं बार विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया, पिछली बार 2019-20 सत्र में फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने सेमीफाइनल में गत विजेता हरियाणा को हराया और अब विदर्भ बनाम महाराष्ट्र मुकाबले के विजेता का इंतजार कर रहे हैं। 238 रनों के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए देवदत्त पडिक्कल ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, मगर उससे पहले अभिलाष शेट्टी ने गेंद से प्रभावित करके विपक्षी टीम को सीमित कर दिया।

टॉस जीतने के बाद शेट्टी ने सलामी बल्लेबाज अर्श रंगा को आउट कर अपने कप्तान के पहले गेंदबाजी करने के फैसले को सही साबित किया। हालांकि, हिमांशु राणा और कप्तान अंकित कुमार ने अच्छी साझेदारी की और 21वें ओवर में 102/1 के स्कोर पर चार बार की चैंपियन टीम के लिए चीजें अच्छी नहीं लग रही थीं। ये तब हुआ जब अनुभवी श्रेयस गोपाल ने स्टंप के सामने हरियाणा के कप्तान को पगबाधा आउट कर दिया और टीम का पतन शुरू हो गया।

हरियाणा का स्कोर जल्द ही 129/5 हो गया, जब शेट्टी ने निशांत सिंधु और पार्थ वत्स के बड़े विकेट जल्दी-जल्दी झटक लिए। उसके बाद से रन-स्कोरिंग में काफी गिरावट आई और दिनेश बाना, राहुल तेवतिया, सुमित कुमार और अनुज ठकराल के 20-20 रन के बावजूद हरियाणा अपने 50 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर केवल 237 रन ही बना सका। शेट्टी ने 4/34 के आंकड़े के साथ समाप्त किया, गोपाल और प्रसिद्ध ने भी दो-दो विकेट चटकाए।

इन दो खिलाड़ियों ने खेली अच्छी पारी

कर्नाटक के लिए लक्ष्य का पीछा करना अच्छी शुरुआत नहीं थी क्योंकि उन्होंने पहले ओवर में ही अपने कप्तान मयंक अग्रवाल को शून्य पर खो दिया था। हालांकि, उनके सलामी जोड़ीदार देवदत्त पडिक्कल ने वडोदरा में उतार-चढ़ाव वाली सतह पर एक महत्वपूर्ण पारी खेली। उन्हें स्मरण रविचंद्रन का अच्छा साथ मिला और दोनों ने तीसरे विकेट के लिए बिना ज्यादा जोखिम उठाए 128 रन जोड़े।

इस साझेदारी ने हरियाणा के खिलाड़ियों का उत्साह कम कर दिया और पारी के अंत में तीन विकेट खोने के बावजूद कर्नाटक ने पारी के 48वें ओवर में पांच विकेट शेष रहते आसानी से जीत हासिल कर ली। देवदत्त ने 86 रन बनाए और स्मरण ने भी 76 रन पर आउट होने से पहले अपना अर्धशतक पूरा किया। दिलचस्प बात यह है कि कर्नाटक ने जब भी विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है, तब उसने टूर्नामेंट जीता है और यह देखना बाकी है कि क्या वे इस बार जीत हासिल कर अपना पांचवां खिताब जीत पाते हैं।

--Advertisement--