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Up kiran,Digital Desk : दोस्तों, कुदरत का खेल देखिए—ज्वालामुखी फट रहा है हज़ारों मील दूर अफ्रीका (इथियोपिया) या इंडोनेशिया में, और उसकी 'राख' (Volcanic Ash) ने भारत के विमानन क्षेत्र (Aviation Sector) की नींद उड़ा दी है।

ताजा खबर यह है कि ज्वालामुखी से उठी राख और धूल के गुबार के चलते एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर जैसी बड़ी एयरलाइंस को अपनी कई इंटरनेशनल फ्लाइट्स या तो कैंसिल करनी पड़ी हैं या डाइवर्ट करनी पड़ी हैं। अगर आपने भी हाल-फिलहाल की टिकट बुक कर रखी है, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है।

एयर इंडिया का वादा- "पैसे डूबने नहीं देंगे"

सबसे पहले बात यात्रियों की जेब की। फ्लाइट कैंसिल होने से लोग परेशान हैं, लेकिन एयर इंडिया ने भरोसा दिलाया है कि पैनिक करने की जरूरत नहीं है। एयरलाइन ने साफ किया है कि:

प्रभावित यात्रियों को लगातार SMS और ईमेल के जरिए अपडेट भेजा जा रहा है।

अगर आपकी फ्लाइट कैंसिल हुई है, तो टिकट का पूरा पैसा (Full Refund) वापस मिलेगा।

अगर आप यात्रा करना चाहते हैं, तो बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के री-बुकिंग (Re-booking) की सुविधा भी दी जा रही है।
एयरलाइन का कहना है कि सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है और वे लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

इंडिगो और अकासा एयर का भी बुरा हाल

सिर्फ एयर इंडिया ही नहीं, बाकी एयरलाइंस भी मुश्किल में हैं।

Akasa Air ने जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए अपनी उड़ानें फिलहाल रोक दी हैं। यात्रियों को रिफंड या मुफ्त डेट चेंज का ऑफर दिया गया है।

Indigo की कन्नूर से अबू धाबी जाने वाली फ्लाइट (6E1433) को रास्ते में ही मोड़कर (Divert) अहमदाबाद लाना पड़ा। वेस्ट एशिया रूट पर जाने वाली कई उड़ानों पर इसका असर दिख रहा है।

DGCA का अल्टीमेटम: "रिस्क नहीं ले सकते"

भारत के विमानन नियामक DGCA ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स को साफ निर्देश दिए हैं:

इंजन बचाओ: ज्वालामुखी की राख में छोटे पत्थर के कण होते हैं जो विमान के इंजन को बर्बाद कर सकते हैं। इसलिए इंजनों की विशेष जांच हो।

एक्स्ट्रा फ्यूल: विमानों में अतिरिक्त ईंधन लेकर उड़ें और अगर रास्ते में राख मिले तो तुरंत रास्ता बदल लें (Alternate Route)।

एयरपोर्ट जांच: अगर रनवे पर राख दिखे, तो उड़ानें तुरंत रोक दी जाएं।

दिल्ली के ऊपर 45,000 फीट तक फैला गुबार

मौसम एजेंसी Skymet और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, इथियोपिया के 'हैली गुब्बी' और इंडोनेशिया के ज्वालामुखियों से निकली राख ओमान और अरब सागर को पार करते हुए भारत के करीब आ गई है।
यह राख दिल्ली, राजस्थान और गुजरात के आसमान में भी पहुंची है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि यह जमीन पर हमें नुकसान नहीं पहुंचाएगी क्योंकि यह काफी ऊंचाई पर है। लेकिन मुसीबत यह है कि यह गुबार 45,000 फीट की ऊंचाई पर है—ठीक उसी ऊंचाई पर जहां हमारे अंतर्राष्ट्रीय जहाज उड़ते हैं (Cruising Altitude)। स्काईमेट ने यह भी बताया है कि इस बादल में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस की मात्रा भी है।

फिलहाल सलाह यही है कि अगर आप यात्रा करने वाले हैं, तो घर से निकलने से पहले अपनी एयरलाइन से फ्लाइट का स्टेटस जरूर चेक कर लें।