Ayodhya से योगी आदित्यनाथ को चुनाव लड़ने के पीछे क्या है बीजेपी की रणनीति, फायदा या नुकसान!

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विधान सभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गयी है। सभी राजनितिक दल वोटरो को लुभाने में जुट गयी है, वहीँ नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का दौर चल रहा है। वहीं बीजेपी उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन कर रही है। इसी बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार अयोध्या (Ayodhya) सीट से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। इस खबर के आते ही सियासी गलियारों में राजनैतिक बाजार गर्म है।cm yogi- Ayodhya

सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ के अयोध्या (Ayodhya) से चुनाव लड़ने पर सहमित बना ली गई है। हालांकि अभी तक इस पर पार्टी ने कुछ भी स्पष्ठ नहीं किया है। लेकिन अगर योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा के लिए योगी को अयोध्या से चुनाव लड़ना फायदेमंद होगा या नहीं इस पर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।

योगी का अयोध्या (Ayodhya) से पीढ़ियों पुराना नाता

सीएम योगी आदित्यनाथ के अयोध्या (Ayodhya) से चुनाव लड़ने की खबर है। अब लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का अभेद किला माना जाता है और योगी को कोई गोरखपुर में हरा पाना संभव नहीं है। तो फिर ऐसे में योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाये जाने की बात क्यों? आपको बता दें कि योगी का अयोध्या से पीढ़ियों पुराना नाता है। क्योंकि उनके गुरु व तत्कालीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ महाराज 1949 में रामजन्मभूमि में रामलला की प्रतिष्ठा अभियान में बड़ी भूमिका अदा कर चुके हैं।

1984 में फिर से श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति ने आंदोलन की शुरुआत की, तब इसकी अध्यक्षता योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ महाराज ने की थी। राम मंदिर आंदोलन के दौरान 30 अक्टूबर और 2 नवंबर 1990 में कारसेवकों पर गोलियां चलायी गयी। कारसेवकों ने 6 दिसंबर 1992 में विवादित बाबरी ढांचे (Ayodhya) को ध्वस्त कर दिया था। तब योगी आदित्यनाथ ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

अयोध्या सीट बीजेपी को फायदे की उम्मीद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या (Ayodhya) सीट से चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है। यदि ऐसा होता है तो यह निर्णय बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। धार्मिक पक्षों,राजनीतिक पक्षों और स्थानीय समीकरणों के लिहाज से भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। यदि अयोध्या सीट पर अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ते है। तो पूरे अवध प्रांत में बीजेपी को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। वहीँ आस-पास के जिलों पर और भी मजबूत हो सकती है।

बीजेपी को राममंदिर निर्माण का मिलेगा फायदा

सुप्रीम कोर्ट ने जब (Ayodhya) राममंदिर के पक्ष में निर्णय दिया था तब केन्द्र और राज्य में बीजेपी की सरकार थी। प्रदेश की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधे पर ही थी। और अब उन्हीं की निगरानी में राममंदिर निर्माण कार्य जारी है। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर उसे भी अयोध्या कर दिया है। अयोध्या में सरयू के तट पर किये गये दीपोत्सव कार्यक्रम की चमक को वैश्विक मंच तक पहुंचाने में योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका रही है। सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ अब तक अयोध्या के 42 दौरे कर चुके हैं।

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