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कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। इस रोग में सही वक्त पर उपचार न मिलने की वजह से मरीज की जान भी जा सकती है। दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों में कैंसर दूसरा सबसे बड़ा कारण है। सही समय पर कैंसर के लक्षणों को पहचान कर उपचार लेने से मरीज की परेशानियां भी कम हो सकती हैं।

शरीर में कैंसर की शुरुआत होने पर कई तरह के संकेत दिखाई देते हैं। इन्हीं में से ज्यादातर संकेत कॉमन समस्याओं के हैं। अक्सर लोग कैंसर के शुरुआती लक्षणों को सामान्य समझ कर इग्नोर कर देते हैं। इसकी वजह से शरीर में कैंसर की कोशिकाएं धीरे धीरे बढ़ती रहती हैं और आखिरी स्टेज पर पहुंच कर मरीज की जान ले लेती हैं। इन्हीं में से एक है डेली बेली कैंसर। ये कैंसर आपके पेट को अपनी चपेट में लेता है।

पेट में निरंतर दर्द, सूजन और अपच जैसी परेशानियों को झेली बेली कैंसर का शुरुआती लक्षण माना गया है। जेली बेली कैंसर को मेडिकल की भाषा में स्यूडो माइक पैरिटी कहा जाता है। ये कैंसर, पेट और पेल्विक एरिया में फैलता है। जेली बेली कैन्सर, पेट और पेल्विस में जेली बनने की वजह से होता है। इस तरह के कैंसर में सही वक्त पर उपचार मिलना बहुत जरुरी है। बता दें कि जेली बेली कैंसर एपेंडिक्स से शुरू होता है, पेट और पेल्विक एरिया में फैलता जाता है। जेली बेली कैंसर एपेंडिक्स की अंदरूनी परत पर एक गांठ की तरह शुरू होता है। इसके अलावा ये कैंसर पेट में मौजूद ओवरी, बड़ी आंत और ब्लैडर में भी हो सकता है।

ये कैंसर लिम्फ नोड्स के जरिए नहीं फैलता। ये पेट में एक लिक्विड की तरह रहता है और धीरे धीरे बढ़ता है और अन्य अंगों को प्रभावित करता है। इस कैंसर की शुरुआत होने पर खाने पीने में दिक्कत होने लगती है। 

लक्षण

जेली बेली कैंसर के लक्षणों में शामिल है पेट और पेल्विक एरिया में दर्द, पेट में सूजन, बाउल मूवमेंट में बदलाव, प्रेग्नेंसी में दिक्कत, हर्निया की परेशानी, पेट भरा भरा महसूस होना, वजन में कमी, उल्टी और मतली। बेली कैंसर के उपचार के लिए मेडिकेशन के अलावा रेडिएशन थेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और सर्जरी का इस्तमाल किया जाता है। कैंसर से बचाव के लिए आपको खान पान और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना होगा। रोजाना एक्सरसाइज करने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। 

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