Up kiran,Digital Desk : खुशियों से भरे माहौल में कब मातम पसर जाए, कोई नहीं जानता। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला हादसा उत्तर प्रदेश के उरई में हुआ, जहाँ भंडारा खाकर घर लौट रहे तीन दोस्तों को सड़क किनारे लगे एक बिजली के खंभे ने हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। टक्कर इतनी भयानक थी कि एक झटके में तीन घरों के चिराग बुझ गए। सबकी जुबान पर बस एक ही बात है- काश, उन्होंने हेलमेट पहना होता!
भंडारे में साथ गए थे, मौत भी साथ ही आई
यह दर्दनाक कहानी जालौन कोतवाली क्षेत्र के हथना बुजुर्ग गांव की है। गांव के ही तीन दोस्त- अंशुमान परिहार (17 साल), अंकित साकवार (14 साल) और कृष्ण कुमार (14 साल), पास के गधेला गांव में हो रहे भंडारे में शामिल होने के लिए एक ही बाइक पर सवार होकर निकले थे। मंगलवार की रात करीब 9 बजे, तीनों खुशी-खुशी भंडारा खाने पहुंचे थे। उन्हें क्या पता था कि यह उनका आखिरी सफर और आखिरी भोजन साबित होगा।
कच्ची सड़क पर मौत बनकर आया बिजली का खंभा
जब तीनों दोस्त भंडारे से वापस अपने गांव लौट रहे थे, तो कच्चा और ऊबड़-खाबड़ रास्ता उनकी ज़िंदगी का दुश्मन बन गया। बाइक की रफ्तार तेज थी और सड़क पर गड्ढे होने की वजह से अचानक उनका संतुलन बिगड़ गया। बाइक पर से उनका काबू छूट गया और वह सीधे सड़क किनारे लगे एक बिजली के पोल से जा टकराई।
टक्कर इतनी भीषण थी कि सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से अंशुमान और कृष्ण कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि अंकित बुरी तरह से घायल हो गया।
अस्पताल पहुँचने से पहले ही तीसरे ने भी तोड़ा दम
हादसे की खबर मिलते ही आसपास के लोग और पुलिस मौके पर पहुँची। अंकित की साँसें चल रही थीं और उसे फौरन मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था, लेकिन ज़ख्म इतने गहरे थे कि उसने भी रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस का कहना कि तीनों का सिर सीधे पोल से टकराया था, और किसी ने भी हेलमेट नहीं पहन रखा था। यही वजह है कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
एक ही गांव के तीन किशोरों की एक साथ मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुँची, तो हर तरफ कोहराम मच गया। हर घर में मातम है और हर आंख नम । पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच कर रही यह हादसा एक दर्दनाक सबक दे गया कि हेलमेट पहनना कितना ज़रूरी है।
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