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जैसे-जैसे लोकसभा इलेक्शन की तारीख करीब आती जा रही है, खूंटी संसदीय क्षेत्र में सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही। हर चौक-चौराहों यहां तक कि कार्यालयों में भी चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग इतना तय मान रहे हैं कि चुनावी जंग में मेन मुकाबला बीजेपी व कांग्रेस के बीच ही होना है, मगर लोगों में इस बात को लेकर ज्यादा चर्चा है कि कांग्रेस अपने किस वीर को अर्जुन मुंडा के विरूद्ध मैदान में उतारती है।

कांग्रेस के टिकट के मुख्य दावेदारों में दो बार लोकसभा इलेक्शन में भाग्य आजमा चुके पूर्व विधायक काली चरण मुंडा और हाल ही कांग्रेस का दामन थामने वाली विस्थापन विरोधी नेता के रूप अपनी पहचान बनाने वाली दयामनी बारला को माना जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, दयामनी बारला 2019 के लोकसभा इलेक्शन में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं। वैसे खूंटी संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट के हकदारों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू के नाम की भी चर्चा है।

सियासी के गलियारों में इस बात भी जोरदार चर्चा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा भी यहां से दावेदारी ठोंक सकता है। झामुमो नेताओं का कहना है कि कांग्रेस कई इलेक्शनों में हार का मुंह देख चुकी है। इसलिए इस बार झामुमो को अवसर मिलना चाहिए। 2019 के इलेक्शन में भाजपा प्रत्याशी कांटे के संर्घष के बाद कांग्रेस के काली चरण मुंडा से महज 1445 मतों के अंतर से जीत पाये थे। उस चुनाव में अर्जुन मुंडा को 382638 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस कैडिंडेट्स को 381193 वोट मिले थे।

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