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बच्चा पैदा करने के लिए एक नर और एक मादा की जरूरत होती है। विश्व के सभी स्तनधारी यौन प्रजनन करते हैं। इसलिए, बच्चे के जन्म के लिए एक महिला का अंडाणु और एक पुरुष का शुक्राणु जरुरी है। मगर, साइंटिस्टों को एक ऐसे एक्सपेरिमेंट में कामयाबी मिली है, जिसमें दो नर चूहों ने एक शावक को जन्म दिया है।

ये एक्सपेरिमेंट दो नर चूहों के शरीर की कोशिकाओं के जरिए किया गया है और यह सफल रहा है। जापान की क्यूशू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कात्सुहिको हयाशी ने पहली बार अपनी टीम के साथ ये एक्सपेरिमेंट किया है। दरअसल हयाशी को विश्व में कृत्रिम अंडे और शुक्राणु बनाने में माहिर माना जाता है। उन्होंने 7 मार्च को लंदन में मानव जीनोम संपादन पर अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए।

इस एक्सपेरिमेंट में उन्होंने एक नर चूहे की त्वचा से कोशिकाएँ लीं। सेल को स्टेम सेल जैसी स्थिति में दोबारा प्रोग्राम किया गया था। एक प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल में इसके रूपांतरण के बाद, वाई क्रोमोसोम को हटा दिया गया था। दूसरे नर से लिया गया एक X क्रोमोसोम एक IPS सेल में डाला गया। अब दो एक्स क्रोमोसोम हो गए हैं। फिर एक्स क्रोमोसोम को डुप्लिकेट किया गया। कोशिकाओं को तब अंडाशय संगठित प्रणाली में रखा गया था।

इस प्रणाली में कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है। कोशिकाएं फिर अंडे में तब्दील हो गईं। फिर उन्हें दूसरे नर के शुक्राणु के साथ जोड़ दिया गया। इसने 600 भ्रूण पैदा किए। फिर उन्हें एक मादा चूहे के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया गया। उससे सात चूहे पैदा हुए। ये सभी बच्चे स्वस्थ हैं।

साइंटिस्टों ने विश्वास जताया है कि यह एक्सपेरिमेंट अगले दस सालों में इंसानों पर किया जा सकता है। यदि यह एक्सपेरिमेंट कामयाब होता है तो यह भावी समलैंगिक, बांझ और बांझ महिलाओं के लिए वरदान साबित होगा।

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