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World Drug Abuse Day 2024: उत्तराखंड के साथ साथ पूरे भारत में नशीली दवाओं का दुरुपयोग और तस्करी तेज़ी से बढ़ रही है, जो प्रदेश सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती है। उत्तराखंड सरकार ने 2025 तक "ड्रग-फ्री उत्तराखंड" बनाने ने का लक्ष्य रखा है। हाल के वर्षों में अफीम, हेरोइन और भांग जैसे नशीले पदार्थों की बड़े पैमाने पर जब्ती के प्रयासों के बावजूद, तस्करी और दुरुपयोग बेरोकटोक जारी है। इसके कारण बड़े पैमाने पर ड्रग तस्करों की गिरफ़्तारी के बावजूद युवा नशेड़ी हो रहे हैं।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग का मुद्दा एक सामाजिक अभिशाप बन गया है, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। 7 दिसंबर, 1987 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित इस दिवस का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इन प्रथाओं के खिलाफ़ वैश्विक प्रयासों की वकालत करना है।

देहरादून जैसे शहर, जिन्हें शिक्षा के केंद्र के रूप में जाना जाता है, वहां नशीली दवाओं के दुरुपयोग का तेज़ी से प्रसार हुआ है। यह प्रवृत्ति शहरी क्षेत्रों से आगे बढ़कर राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों तक भी पहुँच गई है, जहाँ नशीली दवाओं की तस्करी में भी वृद्धि हुई है। जनवरी से मई 2024 की अवधि में ही राज्य में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत 572 मामले दर्ज किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 692 लोगों की गिरफ़्तारी हुई।

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