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World News: मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो गया है। खास बात ये है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का कोई प्रतिनिधि इसमें मौजूद नहीं था। बांग्लादेश में बड़े फेरबदल की तैयारी के बीच भारत में पड़ोसी देश के भविष्य और दोनों देशों के बीच रिश्तों को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, शेख हसीना के जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में एक अलग बदलाव आ सकता है, कई लोगों का दावा है कि यह सकारात्मक नहीं हो सकता है। श्रीलंका और नेपाल की तरह बांग्लादेश भी चीन और पश्चिम को प्राथमिकता दे सकता है।

शेख हसीना को अक्सर "भारत का अच्छा दोस्त" बताया जाता रहा है, लेकिन शेख हसीना की अवामी लीग की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) के साथ देश के रिश्ते दोस्ताना नहीं रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक बीएनपी के शासन के दौरान भारत विरोधी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि की ओर इशारा करते हैं। और अब खालिदा जिया की पार्टी के वरिष्ठ नेता गायेश्वर रॉय ने मीडिया से बातचीत की है और शेख हसीना को भारत के समर्थन के बारे में अपनी चिंताएं स्पष्ट रूप से व्यक्त की हैं।

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते सहयोग पर आधारित होने चाहिए, इस पर सहमति जताते हुए बीएनपी के गायेश्वर रॉय ने मीडिया से कहा, "अगर आप हमारे दुश्मन की मदद करते हैं तो उस आपसी सहयोग का सम्मान करना मुश्किल हो जाता है।" रॉय ने आगे कहा, "शेख हसीना की जिम्मेदारी भारत उठा रहा है...भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक-दूसरे से कोई समस्या नहीं है। लेकिन क्या भारत को एक पार्टी को बढ़ावा देना चाहिए, पूरे देश को नहीं?"

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