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पाकिस्तान से आई सीमा हैदर पर जासूसों ने आईएसआई का एजेंट होने से लेकर तरह तरह के सवाल उठाए हैं। मगर वह जासूस है या नहीं, इस पर सस्पेंस बरकरार है और यह जांच का विषय भी है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं एक ऐसी महिला जासूस की कहानी जो अपने हुस्न और तेज दिमाग की बदौलत जासूसी की दुनिया में राज करती थी।

आमतौर पर जब भी जासूसी की बात होती है तो पुरुषों का नाम ही सबसे आगे आता है। क्योंकि ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं कि जासूसी की दुनिया में महिलाएं भी हमेशा से आगे रही हैं। ऐसे ही एक महिला जासूस हैं जिन्हें पूरी दुनिया माता हरी के नाम से जानती है। उनके दीवानों की कमी नहीं थी। इसमें तमाम देशों के सैन्य जनरल, व्यापारी और मंत्री भी शामिल थे। ब्यूटी विद ब्रेन इन दोनों के कॉम्बिनेशन से ये महिला जासूस बड़े बड़े लोगों को बेवकूफ बनाने में माहिर थी।

माता हारी का असली नाम मार्गेट टेसला था। माता हारी नाम बाद में पड़ा जिसका मतलब इंडोनेशिया में सूर्य होता है और उनका जन्म 1876 में नीदरलैंड में हुआ था। उनकी शादी डच फौजी अफसर से हुई थी, मगर 1902 में रिश्ता खत्म हो गया। इसके बाद माता हारी ने अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने की ठान ली। उनके डांस ने उनके सपने पूरा करने की शुरुआत की।  उनके फैंस की लाइन लग गई और वो यूरोप की सबसे मशहूर डांसरों में शामिल हो गई।

ऐसे की जासूसी की शुरूआत

पहले विश्व युद्ध में फ्रांस की खूफिया एजेंसियों की नजर माता हारी पर पड़ी। उन्हें पैसे के बदले जर्मन अधिकारियों से सूचना इकट्ठी करने का काम सौंपा गया। हालांकि वह डबल एजेंट बन गई थी और उन्होंने जर्मनी के लिए भी जासूसी करनी शुरू कर दी। उनका ध्यान अधिकारियों से राज निकलवाने में उनका मददगार बना।

ऐसा कहा जाता है। डांस करते हुए अगर माता हारी नीचे से कपड़े उतारती थी तो इसका मतलब यह होता था कि फौज नीचे से यानी जमीनी हमला करने वाली है। अगर वह डांस की शुरुआत में अपने सिर से कपड़े उतारती थी। इसका मतलब होता था कि वह एयर फोर्स से हमला करेंगे। यानी हमला आसमान से होगा।

माता हारी की वजह से फ्रांस के 50 हजार सैनिकों हुई थी मौत

अब माता हारी बेशक जासूसी का काम बड़ी ही बहादुरी से कर रही थी, मगर जासूसी करने का ज्यादा दिनों तक छिप नहीं पाया। एक दिन उनके डबल एजेंट होने के बाद कई देश जान गए। फ्रांस की खुफिया एजेंसी ने उनके खिलाफ सबूत इकट्ठे किए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इल्जाम लगाया गया कि उनकी वजह से फ्रांस के पचास हजार सैनिकों की मौत हुई।

कहा तो यह भी जाता है कि इन सैनिकों की मौत उन हमलों में हुई थी जो माता हारी द्वारा जानकारी लीक करने की वजह से जर्मनी ने फ्रांस पर किए थे। माता हारी पर केस चला। उन्होंने अपने खिलाफ लगातार सभी आरोप नकार दिए, मगर इतना काफी नहीं था। उन्हें देश से गद्दारी के लिए मौत की सजा सुनाई गई।

41 साल की उम्र में अक्टूबर 1917 को उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। माता हारी का शव कोई लेने तक नहीं पहुंचा। इसलिए शव को पैरिस के मेडिकल स्कूल में चीरफाड़ के प्रयोग के लिए भेज दिया गया। उनका चेहरा एनाटॉमी म्यूजियम में संग्रहित किया गया, मगर 26 साल पहले वह वहां से गायब हो गया। माता हारी ने खुद तो किसी को नहीं मारा, मगर उनकी जासूसी ने लगभग 50,000 फ्रांसीसी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। इस महिला जासूस की जिंदगी पर साल फिल्म भी बन चुकी है।

 

 

 

 

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