यदि आपके भीतर कुछ करने की ललक हो, कुछ कर जाने का जुनून हो तो फिर हालात कोई मायने नहीं रखते है। ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती है यूपीएससी में 497वीं रैंक हासिल करने वाले शिवम पर, जिन्होंने बुरी हालातों में भी हार नहीं मानी और यूपीएससी की परीक्षा पास की। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर पाना सरल नहीं था। ये कहना है शिवम का।
शिवम रेवाड़ी के गुलाबी बाग में रहते हैं। शिवम के पिता हरदयाल टैक्सी ड्राइवर हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले ही शिवम के पिता ने अपनी टैक्सी बेच दी है। अब अपने बच्चे को सिविल सर्विस परीक्षा में पास होते देख शिवम के पिता फूले नहीं समा रहे।
आपको बता दें कि मूल रूप से गांव नागल के रहने वाले शिवम ने दूसरी बार में ही कामयाबी हासिल की। यूपीएससी में 497 रैंक लाने वाले शिवम इससे पहले आईआईटी की परीक्षा में कामयाबी पा चुके हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय नैचाना से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आईआईटी की तैयारी की। जिसमें सफलता मिलने के बाद उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक भी किया। बीटेक करने के बाद वह दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। दो बहनों के इकलौते भाई शिवम की बड़ी बहन पूजा यादव की शादी हो चुकी है।
वहीं दूसरी बहन संजू राव असम के केंद्रीय विद्यालय में फिजिकल विषय में प्रवक्ता के पद पर काम कर रही है। शिवम की मां कमलेश देवी पोस्ट ग्रेजुएट है। पिता हरदयाल का कहना है कि भले ही वो 10वीं कक्षा तक पढ़े हैं, मगर शिक्षा का महत्व उन्हें पता है। इसलिए बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें अच्छा नागरिक बनाने का सपना देखा था, जो अब पूरा होने लगा है।
कमलेश देवी की बात करें जो कि शिवम की मां है। वो घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है। शिवम का कहना है कि जब लक्ष्य निर्धारण होता है तो मेहनत करने का मन करता है। टाइम मैनेजमेंट निरंतर मेहनत करना, सोशल मीडिया का सदुपयोग करते हुए 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करते थे शिवम और अब शिवम ने यूपीएससी पास कर दिया है और यूपीएससी में न सिर्फ क्रैक किया है बल्कि 497वीं रैंक उन्होंने हासिल की है।
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