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घर में हम बरसों से नारंगी, रेड, सफेद और यहां तक ​​कि रंगीन साबुन का यूज करते आ रहे हैं। इसमें हम नहाने के लिए, टॉयलेट से आने के बाद हाथ साफ करने के लिए अलग-अलग साबुन का उपयोग करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि साबुन भी कई तरह के होते हैं। 

कुछ साबुन टॉयलेट साबुन हैं और कुछ नहाने के साबुन हैं। बहुत से लोगों को साबुन के बीच का अंतर नहीं पता होता है और वे नहाने, चेहरा धोने के लिए टॉयलेट साबुन का इस्तेमाल करते हैं। तो आइए समझते हैं टॉयलेट साबुन और नहाने के साबुन में क्या अंतर है।

जानकारी के अनुसार, भारत में आधे से ज्यादा साबुन टॉयलेट साबुन की श्रेणी में आते हैं। जी हां, बहुत से लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, तो कुछ लोग सालों से नहाने के लिए टॉयलेट सोप का इस्तेमाल करते हैं।

कौन सा साबुन नहाने का साबुन है और कौन सा टॉयलेट साबुन, इसकी सामग्री से पहचाना जा सकता है, ज्यादातर लाल और नारंगी रंग के साबुन टॉयलेट साबुन की श्रेणी में आते हैं। हर साबुन की एक TFM वैल्यू होती है, जिसे टोटल फैटी मैटर कहा जाता है। इस आधार पर साबुनों को तीन वर्गों में बांटा गया है। ग्रेड 1 साबुन में 76 TFM से अधिक, ग्रेड 2 में 70 से अधिक और ग्रेड 3 में 60 TFM से अधिक है।

ग्रेडिंग के अनुसार, ग्रेड 1 साबुन को छोड़कर बाकी सारे ग्रेड के साबुन टॉयलेट साबुन की कैटेगरी में आते हैं। ग्रेड 1 की श्रेणी में आने वाले सभी साबुन नहाने के साबुन की श्रेणी में आते हैं।

ग्रेड 1 साबुन में अधिक TFM क्यों होता है?

ग्रेड 1 सोप में अधिक TFM होता है जो बॉडी को मुलायम बनाता है। आपने कई सफेद और थोड़े अधिक महंगे साबुनों में यह अंतर देखा होगा। इन साबुनों में कई तरह के मॉइस्चराइजिंग तत्व भी होते हैं।

नहाने के साबुन और टॉयलेट साबुन में अंतर कैसे करें?

नहाने के साबुन और टॉयलेट साबुन के बीच अंतर बताने का सबसे अच्छा तरीका टीएमएफ और अन्य अवयवों को पढ़ना है। साथ ही साबुन के रैपर में साफ लिखा होता है कि आप जिस साबुन का इस्तेमाल कर रहे हैं वह टॉयलेट साबुन है या नहाने का साबुन।