एक दिन के लिए थाना प्रभारी बनी सोनाली, किया ऐसा काम कि अफसर भी रह गए हैरान

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वाराणसी। सदर बाजार कैंट निवासी युवती सोनाली श्रीवास्तव के लिए गुरूवार का दिन खास और जीवन भर न भूलने वाला बन गया। वैश्विक बाल दिवस की पूर्व संध्या पर युवा सोनाली को कैंट थाने का एक दिन के लिए प्रभारी बनाकर बड़ा सम्मान दिया गया। खास बात यह रही कि इस दौरान कैंट थाना प्रभारी भी उनके बगल में बैठे रहे। सोनाली के काम करने के तरीके को देखकर वह भी हैरान रह गई।
Young Sonali becomes incharge of Cantt station for one day
प्रशिक्षु सीओ आस्था जायसवाल भी सोनाली के सहयोग में डटी रही। सोनाली ने फरियादियों की शिकायतें भी सुनीं। इस दौरान सोनाली ने कहा कि फरियादी अपनी समस्या बताने में संकोच न करें। अपरान्ह में घर से नाराज होकर थाने आई आजमगढ़ की किशोरी को उसके परिजनों के सामने बैठाकर गिले शिकवे दूरा कर घर भेजा गया। स्नातक सोनाली ने पूरे आत्मविश्वास के साथ पुलिस कर्मियों से कहा कि अपनापन और विनम्रता दिखाते हुए फरियादियों से पेश आएं।
सोनाली ने बताया कि वह पुलिस अधिकारी बनेगी। पूरे दिन थाने में पुलिस की कार्यपद्धति को जानने के बाद उसने निश्चय किया है कि वह पुलिस अफसर बनने के लिए कठिन परिश्रम करेंगी।
बताते चलें, वर्ष 1964 के पहले तक हर साल 20 नवंबर को वैश्विक बाल दिवस मनाया जाता था। 1964 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं और किशोरवय लड़कियों को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए मिशन शक्ति अभियान शुरू किया है।
मिशन में लड़कियों को सम्मान देने और उनके अंदर आत्म विश्वास जगाने के लिए वैश्विक बाल दिवस पर उन्हें एक दिन का थानेदार बनाया जाता है। इसी अभियान में सोनाली को भी कैंट थाने का प्रभारी बनाया गया। इसके पीछे संदेश दिया गया कि महिलाएं किसी भी अन्याय, छेड़खानी, यौन हिंसा के खिलाफ मुखर हो। पुलिस, थाना और चौकी में अपनी समस्या को निसंकोच आकर बतायें। उनके लिए ही जिले के प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क बनाया गया है।
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