उत्तर प्रदेश पुलिस ने फर्जी मार्कशीट, फर्जी डिग्री व फर्जी डिप्लोमा बनाने वाले एक रैकेट के पांच सदस्यों को धर दबोचा है। पुलिस को फर्जी मार्कशीट का जत्था भी बरामद हुआ है। जांच व पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, डिग्री व डिप्लोमा मार्कशीट अलग-अलग रेट पर बना कर बेचने का कारोबार राज्य स्तर पर जारी था।
एक लाख रुपए में एमबीए व एमसीए की फर्जी मार्कशीट प्रदेश के साथ साथ राष्ट्र भर में बेचीं जा रहीं थी। इस रैकेट के द्वारा भारतीय वूमन क्रिकेट टीम की खिलाड़ी हरमनप्रीत को भी फर्जी मार्कशीट मुहैया कराने की बातें भी की जा रही है। पुलिस ने पांच सदस्यों को फर्जी मार्कशीट समेत गिरफ्तार किया है।
गुप्त सुचना के आधार पर पुलिस ने कंकरखेड़ा में एक रैकेट जो 10वीं से ऊपर सभी कक्षाओं की फर्जी मार्कशीट बेच रहा था के विरूद्ध प्लान बना कर दबिश दी व एक मकान से पांच लोगों को रेंज हाथों पकड़ा । मौके से पुलिस ने सैकड़ों फर्जी मार्कशीट, कंप्यूटर, स्कैनर, कई मोबाइल समेत अन्य सामान जब्त किया। पकड़े गए युवकों ने पुलिस से बताया कि वह उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान के युवाओं को फंसाते थे। 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये में फर्जी मार्कशीट तैयार कर उसे थमा दी जाती थी। यह रैकेटकई वर्ष से चल रहा था व इन राज्यों में इसका मजबूत नेटवर्क है।
एसएसपी मेरठ, राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मेरठ की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी पास उमाशंकर इस रैकेट का मुखिया था। सलमान, अजय, अनिल व राजेश के साथ मिलकर उमाशंकर इस रैकेट को संचालित कर रहा था। इस रैकेट के पास से थोक के भाव में मोहरें, कागज़ात, प्रिंटर व हॉलमॉर्क लगाने वाली मशीन बरामद की गई है। आरोपितों ने पूरे राष्ट्र के कई राज्यों के बोर्ड व विश्वविद्यालय के नाम से अभी तक लाखों डिग्री व मार्कशीट बेची है। पुलिस तार से तार जोड़ कर कार्यवाही को आगे बढ़ा रही है ताकि पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके ।