डेस्क ।। एक किशोर लड़की के साथ कथित बलात्कार के मामले में अदालत ने उसके अंडरवियर को ही सबूत मान लिया। इसके बाद अदालत ने लड़की के खिलाफ अपना फैसला सुनाया।
अदालत ने कहा कि 17 वर्षीय लड़की ने रेप की कथित घटना के वक्त एक ऐसा अंडरवियर पहन रखा था जिसमें स्ट्रिप्स लगे हुए थे और उसे कस कर बंधा गया था, इसलिए वह खोला नहीं जा सकता था। अदालत ने इसी ग्राउंड पर लड़की की अपील को ठुकरा दिया और कहा कि असल में रेप हुआ ही नहीं है।
आयरलैंड की अदालत के इस फैसले के बाद देश भर में जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। अंडरवियर को सबूत के रूप में स्वीकार करने के विरोध में कॉर्क सिटी सेंटर में एक के बाद कई रैलियां आयोजित की जा रही हैं।
दक्षिण पश्चिम आयरलैंड में एक शहर में किशोरी से बलात्कार करने वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाली बैरिस्टर ने अदालत में सुझाव दिया कि इस मामले में जूरी 17 वर्षीय लड़की द्वारा पहने अंडरवियर पर ध्यान दे। वकील की इस अपील के बाद 27 वर्षीय व्यक्ति जिस पर कॉर्क शहर में किशोरी से बलात्कार करने का आरोप था, उसे केंद्रीय आपराधिक न्यायालय में आठ पुरुषों और चार महिलाओं की जूरी द्वारा दोषी नहीं पाया गया।
मुकदमें के समापन भाषण में वरिष्ठ वकील एलिजाबेथ ओ’कोनेल ने जूरी से कहा कि उन्हें इस तथ्य का सम्मान करना चाहिए कि महिला फीते वाले अंडरवियर पहने हुई थी। इस मामले में अभियुक्त का कहना था कि उसके और पीड़िता के बीच संबंध सहमति से बने थे।