संकेत हैं कि मायावती केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोलेंगी। आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वह केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ पार्टी की रणनीति का भी एलान कर सकती हैं।
इसमें भाजपा की नीतियों के खिलाफ जनता के बीच जाकर बसपा के पक्ष में माहौल बनाने और चार बार की मुख्यमंत्री मायावती को देश की प्रधानमंत्री बनाने के लिए सबसे उपयुक्त अवसर बताए जाने की बात भी शामिल हो सकती है।
गठबंधन से दूर रहने की बात करने वाली बसपा, सपा जैसे धुर-विरोधी दलों से गठबंधन के लिए क्यों मजबूर हुई है, काडर के बीच इसका भी खुलासा किया जा सकता है।
इसके अलावा 13-ए माल एवेन्यू आवास को कांशीराम यादगार विश्राम स्थल के रूप में बनाए रखने के मुद्दे पर मायावती काडर को आगाह कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि योगी सरकार ने यदि इस भवन की मौजूदा स्थिति से छेड़छाड़ की कोशिश की तो मायावती इसे मुद्दा बनाने से नहीं चूकेंगी।
राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी, कोऑर्डिनेटर और नेता बुलाए गए हैं। यूपी के बाहर के राज्यों से प्रतिनिधियों का शुक्रवार शाम से ही पहुंचना शुरू हो गया।