मोदी के पीएम बनने के बाद आडवाणी ने पहली बार दिया बड़ा बयान, बिना नाम लिये बीजेपी के इन दो नेताओं पर साधा निशाना

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नई दिल्ली।। बीजेपी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी नेतृत्व को बड़ी नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि राजनीतिक रूप से जो असहमत हैं वह हमारे दुश्मन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से असहमति रखने वाले लोग केवल हमारे विरोधी हैं। इसी तरह राजनीतिक रूप से जो हमसे असहमत हैं वह राष्ट्र विरोधी भी नहीं हैं। बीजेपी की वर्तमान राजनीति में अलग-थलग पड़े आडवाणी ने पार्टी के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) से पहले गुरुवार को लिखे एक ब्लॉग के जरिये पार्टी की वर्तमान दशा और दिशा पर अपने विचार व्यक्त किये।

हालांकि उन्होंने वर्तमान में पार्टी की कमान संभाल रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेन्द्र मोदी समेत किसी नेता का उल्लेख नहीं किया लेकिन उनके द्वारा दिया गया ये कथन पार्टी का मुखर विरोध करने वाले यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी जैसे नेताओं के विचारों से मिलते-जुलते हैं। आम चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के कुछ दिन पहले आये इस ब्लॉग में वरिष्ठ नेता आडवाणी ने अभिव्यक्ति की आजादी, देश की विविधता, देशवासियों को अपने मनपसंद आचरण करने की स्वतंत्रता और पार्टी के अंदर और बाहर लोकतंत्र की वकालत जैसी बातें शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने वर्ष 2013 में बीजेपी की ओर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभारे जाने का विरोध किया था। उसके बाद से वह पार्टी की मुख्यधारा से दरकिनार हो गए थे। हाल के वर्षों में राजनीतिक घटनाक्रम पर उनकी कोई टिप्पणी सामने नही आई थी।

आडवाणी ने ब्लॉग में लिखा कि भाजपा देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और मीडिया की रक्षा करने में हमेशा आगे रही है। भाजपा को इस बात का गर्व है कि उसने पार्टी के अंदर और बाहर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की हमेशा रक्षा की है।

पार्टी चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार सहित शासन के प्रति भी प्रतिबद्ध रही है। आपातकाल के दौरान उसने इन्हीं मूल्यों की रक्षा करने के लिए बड़ा संघर्ष छेड़ा था। आडवाणी ने कहा कि अपने सात दशकों के सार्वजनिक जीवन में उनका सिद्धांत रहा है कि सबसे पहले देश, बाद में पार्टी और सबसे अंत में स्वयं। उन्होंने कहा कि पार्टी का स्थापना दिवस हमारे लिए एक अवसर है कि हम सिंहावलोकन करें, भविष्य पर दृष्टि डालें और अपने अंदर झांक कर देखें।

वहीं आगामी लोकसभा चुनावों में गांधीनगर सीट से टिकट कटने का टीस भी इस ब्लॉग में देखने को मिला। लाल कृष्ण आडवाणी ने ब्लॉग में लिखा, मैं गांधीनगर के लोगों के लिए अपना आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने 1991 के बाद छह बार मुझे लोकसभा के लिए चुना। इसके लिए उनके स्नेह और समर्थन का मैं अभिभूत हूँ।

वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि सत्य, राष्ट्रनिष्ठा और लोकतंत्र की त्रिवेणी भाजपा के विकास का आधार है। इसी से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुराज का आदर्श निर्मित होता है, जिसके प्रति पार्टी हमेशा प्रतिबद्ध रही है।

ब्लॉग के अंत में आडवाणी ने लोगों से देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव हैं। साथ ही यह लोकतंत्र से जुड़े सभी पक्षों जैसे राजनीतिक दलों, मीडिया, चुनाव प्रक्रिया संचालित करने वाले तंत्र और मतदाताओं के लिए ईमानदारी से आत्मालोचन करने का अवसर है। ब्लॉग की अंतिम पंक्ति में उन्होंने कहा कि सबको मेरी शुभकामनाएं।

आडवाणी के ब्लॉग पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया दी है। नागपुर में राहुल गांधी ने कहा कि जब मोदी कभी भी ‘नफरत’ फैलाते हैं, तो पहले देखिए कि मोदी ने अपने गुरु के लिए क्या किया है, क्या यह हिन्दू धर्म है, मोदी हमें हिन्दू धर्म सिखाएंगे। उन्हें किसने ऐसा हिन्दू धर्म सिखाया है, जिसमें गुरु के साथ ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा, ‘वरिष्ठतम राजनीतिज्ञ, पूर्व डिप्टी पीएम और भाजपा के संस्थापक आडवाणी जी ने लोकतांत्रिक शिष्टाचार के बारे में जो विचार व्यक्त किया है, वह महत्वपूर्ण है। बेशक, सभी विपक्ष जो अपनी आवाज उठाते हैं, वे राष्ट्र विरोधी नहीं हैं। हम उनके बयान का स्वागत करते हैं।

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