लखनऊ. राज्य सरकार सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कराने के लिए लोक कल्याण मित्र इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू करने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के 822 ब्लाकों में एक-एक व राज्य स्तर पर दो लोक कल्याण मित्र रखे जाएंगे। ब्लाक स्तर पर तैनात होने वालों को 25000 रुपये मानदेय और यात्रा भत्ता व अन्य मदों में 5,000 रुपये और राज्य स्तर पर 35,000 रुपये मानदेय व 5000 रुपये अन्य मदों में दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला हुआ। लोक कल्याण मित्र का चयन लिखित परीक्षा से एक साल के लिए की जाएगी। इसका एक साल के लिए रिन्यू हो सकेगा। इसे इंटर्नशिप नाम दिया गया है ताकि शिक्षा मित्रों की तरह बाद में स्थायीकरण के लिए विधि दिक्कतें न पैदा हों। हर तीन महीने पर इनके कामकाज की समीक्षा होगी। यह ब्लाक के हर गांव में जाएंगे। प्रचार प्रसार के अलावा उनका मुख्य काम फीड बैक देना होगा।
ब्लाक स्तर पर लोक कल्याण मित्र चयन के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। इसमें मुख्य विकास अधिकारी, सूचना विभाग का प्रतिनिधि और जिले का वरिष्ठ अधिकारी सदस्य होंगे। 21 से 40 साल की आयु के युवा सभी विषयों के स्नातक भर्ती के पात्र होंगे। सूचना विभाग इसका नोडल विभाग होगा। अक्तूबर से भर्ती का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए एक साफ्टवेयर के माध्यम से सूचनाएं और फीड बैक पर निगाह रखी जाएगी। कल्याण मित्रों का काम योजनाओं के आनलाइन फार्म भी भरवाने होंगे। साथ ही कोई दिक्कत आ रही है तो सरकार को फीडबैक देना होगा।
प्रदेश स्तर पर लोक कल्याण मित्र चयन करने के लिए लखनऊ के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी होगी। इसमें अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को रखा जाएगा। चयन प्रक्रिया में आरक्षण का लाभ नियमानुसार दिया जाएगा। भर्ती में योग्यता व विशेष अर्हता को महत्व दिया जाएगा। इनकी ट्रेनिंग गिरी इंस्टीट्यूट, लखनऊ मैनेजमेंट एसोशिएशन व टाटा इंस्टीट्यूट में कराई जाएगी।
लोक कल्याण मित्र प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे और लोगों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी लेकर उच्च स्तर पर देंगे। इसके लिए लोक कल्याण मित्र इंटर्नशिप योजना शुरू करने का फैसला किया गया है। इसमें उत्साही व अनुभवी युवाओं को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जो वास्तव में सामाजिक परिर्वन लाने के इच्छुक हैं। इस कार्यक्रम को एक साल के लिए चलाया जाएगा। कार्यक्रम की जरूरतों को देखते हुए मुख्यमंत्री की अनमुति पर एक साल के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है।
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