क्रिकेट से संन्यास लेते ही सक्रिय राजनीति में उतरे गौतम गंभीर, दिए ये संकेत !

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डेस्क. भारत को दो बार विश्व कप खिताब जीताने में अहम भूमिका निभाने वाले बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। वह फिरोजशाह कोटला मैदान पर आंध्र प्रदेश के खिलाफ रणजी मैच खेलने के बाद क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे। गौतम गंभीर के संन्यास की घोषणा करने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि वह देश की राजनीति में सक्रीय भूमिका निभाएंगे और 2019 के आम चुनाव में दिल्ली के किसी सीट से कंटेस्ट करेंगे।

गौतम गंभीर

ऐसे कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि गौतम गंभीर अक्सर ट्विटर पर संवेदनशील राजनीतिक मामलों में अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए भी सुर्खियों में रहते हैं। जिससे पता चलता है कि राजनीति में उनकी गहरी दिलचस्पी है। जब गौतम गंभीर से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौका मिलेगा तो वह राजनीति में उतरकर देश और आवाम की सेवा जरूर करना चाहेंगे।

‘मौका मिला तो राजनीति में उतरुंगा, लेकिन रबर स्टाम्प नहीं बनूंगा’

एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में गौतम गंभीर ने कहा, ‘यदि मुझे मौका मिला तो मैं राजनीति में जरूर आउंगा लेकिन रबर स्टाम्प नहीं बनूंगा।’ गौरतलब है कि गौतम गंभीर ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने संन्यास से लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने और एमएस धौनी के साथ किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होने के बारे में खुलकर बातचीत की।

गंभीर ने सबसे पहले धौनी के साथ विवाद को लेकर कहा, मेरे और एमएस के बीच कोई विवाद नहीं है। किसी भी खिलाड़ी के लिए विशेष विदाई मैच आयोजित किया जाना जरूरी नहीं। वहीं, गंभीर ने नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने को गलत बताया है।

उन्होंने कहा कि किसी को भी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का हक नहीं है। सिद्धू को पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं थी। गंभीर ने अपने क्रिकेटिंग करियर के दौरान भारत के लिए 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।

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