मां की सलाह मानने के बाद चमकी थी इस दिग्गज बल्लेबाज की किस्मत, आज है दुनिया का टॉप बल्लेबाज

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नई दिल्ली ।। विश्व के किसी भी देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए सबसे पहले घरेलू मैचों में खेलकर अच्छा प्रदर्शन करना होता है। आज के इस लेख में हम आपको विश्व क्रिकेट के एक ऐसे महान खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बिना घरेलू मैच खेले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में शामिल हो गया था और आज दुनिया का एक बहुत ही बेहतरीन खिलाड़ी है।

हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं वो ऑस्ट्रेलिया टीम के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड वॉर्नर है। आपको बता दें कि जब डेविड वार्नर ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था, उस वक्त ऑस्ट्रेलिया की टीम विश्व क्रिकेट में वनडे की नंबर वन टीम थी। डेविड वॉर्नर को बिना घरेलू मैच खेले ही ऑस्ट्रेलिया की टीम में जगह दी गई थी। डेविड वॉर्नर की इस सफलता के पीछे उनकी मां की सलाह थी।

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आपको बता दें कि डेविड वॉर्नर ने मात्र 13 साल की उम्र से क्रिकेट की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। डेविड वार्नर के कोच ने उन्हें दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की सलाह दी, क्योंकि डेविड वॉर्नर दाएं हाथ से अच्छे शॉट लगाते थे। लेकिन दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हुए डेविड वॉर्नर गेंद को बाउड्री के पार पहुंचाने में सफल नहीं होते थे और कैच आउट हो जाते थे।

इसके बाद डेविड वार्नर की मां ने उन्हें बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की सलाह दी। जब डेविड वार्नर ने बाएं हाथ से बल्लेबाजी करना शुरू किया, तो उनकी बल्लेबाजी लगातार बेहतर होती गई। डेविड वार्नर क्लब्स की टीमों की ओर से क्रिकेट खेलते थे। उन्हें फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का मौका भी नहीं मिला था।

आपको बता दें कि डेविड वॉर्नर ने इंग्लैंड के कप्तान जो रूट को मुक्का भी मारा था। साथ ही साथ वॉर्नर मैदान पर भारतीय टीम के खिलाड़ी रोहित शर्मा से भी भिड़ चुके हैं। इस समय डेविड वॉर्नर बॉल टैंपरिंग के मामले में प्रतिबंधित होने के कारण ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम से बाहर है।

फोटो- फाइल

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