लखनऊ।। सूबे में बीजेपी सरकार बनने के बाद लोगों में उत्साह था कि कुछ बेहतर होगा। लेकिन बीते एक साल में ही स्तिथि बद से बदतर हो गयी। स्वच्छता अभियान को लेकर भाषणबाजी और नारेबाजी खूब हुई और योजना के नाम पर करोड़ों का बजट भी आया लेकिन बावजूद हालात बद से बदतर होते। गए मामला कानपुर शहर का है जहाँ के अधिकतर मोहल्लों में बिजली से लेकर पेयजल और नालियों व सड़कों में दूषित पानी भरने लेकर आम-शहरी परेशान है। जब हालात बर्दाश्त के बाहर हो गए तब जनता ने अखिलेश यादव के विधायक अमिताभ बाजपेयी की चौखट पर जाकर अपना दर्द बयां किया।
विधायक अमिताभ बाजपेयी लाव-लश्कर के साथ रिजवी रोड पहुंच गये और धरने पर भी बैठ गये। इसकी भनक जैसे ही जिले के आलाधिकारियों को हुई तो वो आनन-फानन मौके पर पहुंच गये। अफसरों को देखकर विधायक का पारा चढ़ गया और उन्होंने सभी अफसरों को पकड़वा कर गंदे कीचड़ में खड़ा करा दिया। अधिकारी गिड़गिड़ाते रहे पर विधायक ने एक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि तत्काल सीवर का सफाई करके प्रदूषित पानी निकलवायें, तभी आपको यहां से जाने दिया जायेगा।
मौके की नजाकत को समझते हुए अफसरों ने आनन-फानन में कर्मचारियों को बुलाकर कार्य शुरू कराया। तब जाकर विधायक ने उन्हें छोड़ा। इस मौके पर विधायक ने सीएम योगी पर भी जमकर निशाना साधा। विधायक ने कहा कि वाराणसी में दर्जनों लोगों की मौत हो गई। सीएम ने उन्हें मुआवजा देकर मामला ही रफा-दफा करवा दिया। बीते शनिवार और रविवार को जहरीली शराब पीने से एक दर्जन गांव वालों की मौत हो गई। विधायक ने कहा कि हम सीएम योगी के इस्तीफे की मांग करते हैं।
पिछले एक माह से शहर के सभी 110 वार्डो में गंदगी की भरमार है। सड़कें और नालियां प्रदूषित पानी से लबालब भरी हैं। स्थानीय लोगों ने जब इसकी शिकायत कई बार मेयर प्रेमिला पांडेय से की, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। सुनवाई न होने पर पब्लिक भड़क गई और सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी के घर जा पहुंची। विधायक ने सभी लोगों की समस्या जानी और उनके साथ ही पैदल रिजवी रोड की तरफ निकल पड़े।
विधायक ने जलभराव देखकर नगर आयुक्त को फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं उठा। नाराज होकर विधायक वहीं पर धरने पर बैठ गये। मौके पर पहुंचे नगर निगम और जलकल के अभियंताओं को दूषित पानी में खड़े करवाकर जनता की समस्याओं से अवगत कराया गया और साफ कहा कि जब तक काम नहीं शुरू होगा तब तक वह अफसरों के साथ दूषित पानी में खड़े रहेंगे। टीम बुलाकर अफसरों ने काम शुरू कराया इसके बाद ही विधायक जनता के साथ हटे।
सपा विधायक ने बताया कि बीते शनिवार को कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में जहरीली शराब का सेवन करने से आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई, वहीं एक दर्जन ग्रामीणों की आंख की रोशनी चली गई। शहर में बीजेपी के सात विधायक व दो मंत्री है, लेकिन कोई भी मृतकों के परिजनों के घर नहीं गया। जबकि रविवार को पांच अन्य कर शराब पीने से मौत हो गई, बावजूद सो रही सरकार नहीं जागी। विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया गया है और आज ही समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मृतकों के परिजनों से मिलेंगे।
साथ ही इस कारोबार में जो भी लिप्त हो उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि पांच साल अखिलेश की सरकार यूपी में रही, पर शराब पीने से एक भी इंसान की मौत नहीं हुई। बाजपेयी ने बताया कि योगी सरकार पूरी तरह से बेपटरी हो गई है। इसी लिए अब इसे सरकार चलाने का हक नहीं रहा। सीएम योगी का तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए और गोरखपुर जाकर भजन-कीर्तन करना चाहिए।