शिवपाल सिंह यादव की इस कार्रवाई से अखिलेश यादव के कान खड़े, सपा में बैठकों का दौर जारी

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लखनऊ।। चाचा शिवपाल सिंह यादव के सपा से इतर सेक्युलर मोर्चा के गठन ने अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। समाजवादी पार्टी में इसको लेकर बैठकों का दौर जारी है। शिवपाल यादव के द्वारा बाग़ी तेवर अपनाकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को चुस्त-दुरुस्त करने में लग गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग भी की।

पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। अब तक प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी कई बैठकें भी हो चुकी हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मंगलवार से विश्वविद्यालय छात्र जागरूकता अभियान की भी शुरुआत आज अखिलेश यादव यूथ ब्रिगेड के साथ बैठक कर की है।

गौरतलब है कि लंबे अरसे तक उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को शिवपाल सिंह यादव ने ही मजबूती प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। यह भी कहा जाता रहा है कि आज भी संगठन में पुराने सपाई मुलायम और शिवपाल की काफी इज्जत करते हैं। ऐसे में जब, अब शिवपाल ने समाजवादी पार्टी में उपेक्षित और हाशिये पर ढकेले गये नेताओं को अपने मोर्चे से जोड़ने का ऐलान कर दिया है तो अखिलेश यादव के सामने एक बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है।

सूत्रों की मानें तो शिवपाल सिंह यादव के मोर्चे को कुछ सीनियर नेताओं का साथ मिल सकता है। मोर्चे के ऐलान के वक्त समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे डुमरियागंज के पूर्व विधायक मलिक कमाल यूसुफ का बीएसपी छोड़कर शिवपाल यादव के साथ आने से इस आशंका को बल मिल गया है। समाजवादी सरकार में मंत्री रह चुके कमाल यूसुफ की गिनती शिवपाल यादव के करीबियों में की जाती थी।

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