लखनऊ ।। यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उस समय माहौल गर्म हो गया जब BJP के दल बहादुर कोरी ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को लेकर असंसदीय टिप्पणी कर दी।
तो वहीं बीएसपी विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा एवं सुखदेव राजभर ने कड़ा विरोध जताया और सदस्य से माफी मांगने की मांग की। इस कड़ी में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने न केवल BJP सदस्य का बचाव किया वरन बीएसपी सुप्रीमो पर भी आरोपों की बौछार कर दी।
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मामला बढ़ता देख विधानसभा ने सदन की कार्यवाही 4 बार में 55 मिनट के लिए स्थगित की। बाद में कोरी द्वारा अपने शब्द वापस लेने पर ही इस मामले का पटाक्षेप हुआ।
अभिभाषण पर चर्चा के दौरान दल बहादुर कोरी ने सपा, बसपा को निशाने पर लिया। पहले उन्होंने पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का नाम लेकर टिप्पणी की तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें टोक दिया। इस पर कोरी ने अपने शब्द वापस ले लिए।
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इसके बाद उन्होंने बसपा मुखिया पर निशाना साधा। उन पर असंसदीय टिप्पणी का आरोप लगाते हुए बीएसपी के सुखदेव राजभर ने आपत्ति जताई। बीएसपी विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि एक पार्टी की अध्यक्ष पर आरोप लगाना संसदीय गरिमा के विपरीत है।
उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकालने और सदस्य द्वारा खेद व्यक्त करने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री की सीट पर बैठे श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कोरी ने आरोप नहीं लगाए हैं, अपनी आप बीती सुनाई है।
फोटोः फाइल
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