उत्तर प्रदेश ।। लोकसभा इलेक्शन 2019 का रण करीब-करीब खत्म होने वाला है। 5 चरण की वोटिंग हो चुकी है 12 मई को छठे और 19 मई को सातवें चरण की वोटिंग बाकी है। इन बचे हुए दो चरणों में सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें यूपी पर लगी हैं। यूपी में महागठबंध और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
भाजपा अपने चुनाव प्रचार अभियान में निरंतर ये सवाल विपक्ष से पूछ रही है कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का प्रत्य़ाशी कौन है, जिसके जवाब में SP-BSP गठबंधन की तरफ से कई बार ये बताने की कोशिश की गई है कि विपक्ष का प्रधानमंत्री प्रत्य़ाशी इसी गठबंधन से हो सकता है।
अभी हाल में ही एक जनसभा के दौरान बसपा अध्यक्ष मायावती ने यह संकेत दिए थे कि यदि सब कुछ अच्छा रहा तो वह लोकसभा इलेक्शन लड़ेंगी और प्रधानमंत्री भी बन सकती हैं। मायावती के इस बयान के दो दिन बाद ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर मुहर भी लगा दी है और कहा कि मैं भी उन्हें प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहता हूं।
एक इंग्लिश न्यूज पेपर से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि गठबंधन होने के बाद मुझे उनके बारे में जानने का काफी मौका मिला है, मैंने उनमें काफी अच्छाईयां भी देखी हैं। वह काफी अनुशासित हैं और मुझसे अनुभवी भी हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर ये भी कहा कि उनके और हमारे बीच में एक जेनरेशन गैप है, उन्हें पीएम बनता देख मुझे खुशी होगी, इसके लिए मैं पूरी मेहनत करने के लिए भी तैयार हूं। वहीं, वह भी मुझे उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री देखने के लिए तैयार हैं।
लोकसभा इलेक्शन के 5 चरण पूरे होने के बाद अब मायावती ने खुले तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है और उनका साथ अखिलेश यादव ने भी दे दिया है। इसके साथ ही पीएम मोदी और भाजपा का ये तंज ‘मोदी नहीं तो कौन’? पर भी उन्हें जवाब मिल गया है।
आपको बता दें कि यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां लोकसभा की 80 सीटें हैं। सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल मिलकर इन 80 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। ओपिनियन पोल के अनुसार, यूपी में ये गठबंधन जीत की ओर नजर आ रहा है, यदि ऐसा हो गया तो इस लोकसभा इलेक्शन में SP-BSP बड़े किंगमेकर बन सकते हैं।