सूत्रों की मानें तो पार्टी के टिकट पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले सपा प्रत्याशी संजय कसौधन से भी लाखों रूपये लिए गए जिसमें सिद्धार्थनगर के पूर्व विधायक विजय पासवान और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और एसआरएस यादव के निकट माने जाने वाले एक नेता की बड़ी अहम भूमिका बताई जा रही है। सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि पार्टी मुख्यालय पर भी लाखों रूपये दिए गए तब जाकर टिकट फाइनल हुआ।
पार्टी के सूत्रों का यह आरोप शुरू से लगता रहा कि टिकट के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन नहीं किया गया और अध्यक्ष के उम्मीदवार का गलत चयन करना पार्टी को भारी पड़ेगा। नतीजा सबके सामने है। सिद्धार्थनगर की सपा की मजबूत कही जाने वाली सीट से सपा का नगर पालिका अध्यक्ष पद का उम्मीदवार अपनी जमानत बचा सका।
हद तो तब हो गयी जब पूर्व विधायक पासवान ने एक निर्दल प्रत्याशी की जीत को पार्टी की जीत बता दिया। गौरतलब है कि बढ़नी से निशार बागी निकाय चुनाव जीते हैं। जो सपा के पुराने और प्रभावशाली मुस्लिम नेता हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें सपा से टिकट नहीं मिला नहीं और तब निशार बागी ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार परचा दाखिल किया और चुनाव भी जीता।