नई दिल्ली ।। भले ही आतंकी संगठन जैश के मुखिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के रास्ते में चीन बार-बार बाधा डाल रहा है, लेकिन हिंदुस्तान निरंतर इस मामले पर सुरक्षा परिषद के सदस्यों से बातचीत कर रहा है। सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक, हमें अब भी उम्मीद है और पूरा विश्व समुदाय हमारे साथ है।
सरकार के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि पुलवामा अटैक के बाद हिंदुस्तान के उठाये कदमों का अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस का पूरा समर्थन मिल रहा है। आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देश हिंदुस्तान के साथ खड़े हैं। बताया जा रहा है कि भारत आतंकी मसूद अजहर पर बड़ी कार्रवाई कर सकता हैं और इस बार चीन भी कुछ नहीं कर पाएगा।
हिंदुस्तान ने इन देशों को आश्वस्त कर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ संगठनों के नाम बदल देता है और कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं करता है।
सरकार के सूत्रों ने बताया, पाकिस्तान द्वारा F 16 फाइटर प्लेन के इस्तेमाल किए जाने का मामला हिंदुस्तानीय विदेश सचिव विजय गोखले ने अमेरिकी दौरे के समय ट्रंप प्रशासन के सामने उठाया था। उम्मीद है कि अमेरिकी सरकार कुछ समय में सार्वजनिक तौर पर इसे लेकर अपना पक्ष रखेगी।
हिंदुस्तान का कहना है कि मसूद अजहर के मामले में चीन को convince होने के लिए समय चाहिए वो लें, हम इंतजार करेंगे। इस संबंध में चीन और पाकिस्तान के भी आपस मे कुछ मुद्दे हैं लेकिन जिस तरह से हमने विंग कमांडर अभिनंदन के मामले में कोई डील नहीं की, उसी तरह इस मामले में हम सुरक्षा परिषद के किसी भी सदस्य (चीन) से कोई डील नहीं करने वाले हैं।
सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि मसूद अजहर के मामले में चीन से किसी और देश ( रूस) ने बात नहीं की थी बल्कि हिंदुस्तान ने ही चीन से बात की थी। विदेश सचिव ने चीन के हिंदुस्तान में राजदूत, चीन के विदेश मंत्रालय के अफसर से बात की थी। वहीं संयुक्त राष्ट्र में हिंदुस्तान और चीन के राजदूत ने आपस मे बात की थी। थोड़ा समय लग रहा है लेकिन उसको प्रतिक्षा करना ही होगा।