हिंदुस्तान से डर कर तालिबान के पास पहुंचे इमरान खान, घाटी के लिए चाहते हैं, इस तरह से मोदी सरकार को…

img

उत्तराखंड ।। तालिबान ने भी पाक हुकूमत को करारा झटका दिया है। आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान को दो टूक जवाब मिला है कि अफगा’निस्तान और कश्मीर मुद्दे को एकसाथ न जोड़ा जाए। तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद के मुताबिक, जम्मू मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इससे उनका कोई संबंध नहीं है।

दरअसल, अफगानिस्तान के अलावा तालिबान किसी और मुद्दे में पड़ना नहीं चाहता है। पाकिस्तान चाहता है तालिबान के माध्यम अमेरिका पर दबाव बनाया जा सके। इस तरह से अमेरिका जम्मू के मुद्दे पर मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है।

पढ़िए-बालाकोट हवाई हमले जैसी घटना से फिर डरा पाकिस्तान, इसलिए उठाया ये बड़ा कदम

पाक हुकूमत इस वक्त गहरे संकट में है। कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने के बाद से उसे इसके विरोध में किसी देश का साथ नहीं मिला है। कई आतंकी और अलगाववादियों की गिरफ्तारी के कारण उसे अब डर सताने लगा है कि कही POK भी उसके हाथ न निकल जाए। इसलिए वह विश्व को कश्मीर के मुद्दे पर उलझाए रखना चाहती है। बता दें कि बीते कई वर्षों से तालिबान पाकिस्तान को अपना संरक्षक मानता रहा है।

पाक हुकूमत ने तालिबान को अपनी सरजमीं पर पलने-बढ़ने और प्रशिक्षण का मौका दिया है। इसके अलावा खूंखार आतंकी संगठन के लड़ाकों और कमांडरों को पैसा तक मुहैया कराया है। तालिबान के साथ निकट मामलों की वजह ही पाकिस्तान को अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में हिस्सा बनने का मौका मिला है। ऐसे में वह अमेरिका पर दबाव बनाना चाहता है कि वह कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करें।

इस मामले अफगानिस्तान के पूर्व प्रेसिडेंट हामिद करजई ने भी पाकिस्तान को नसीहत दी है कि वह क्षेत्र में हिंसा फैलाने के लिए साजिश न रचे। करजई ने ट्वीट कर कहा अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया को कश्मीर में अपने उद्देश्य से जोड़ना, यह बताता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को सिर्फ एक रणीनीतिक उपकरण के तौर पर देखता है।

फोटो- फाइल

Related News