सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश नहीं, केरल पुलिस ने लौटाया

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नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर को लेकर स्पष्ट किया है कि अगले फैसले तक सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। बावजूद इसके पुलिस द्वारा मंदिर के महिलाओं को जाने से रोक दियाहै। सबरीमाला मंदिर को मंडला पूजा के लिए शनिवार की शाम पांच बजे खोल दिया गया है। पिछली बार छावनी में तब्दील रहे सबरीमाला मंदिर में इस बार शांति है। हालांकि शनिवार को केरल पुलिस ने तीन महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में अंदर जाने से रोक दिया है। ये महिलाएं एक समूह में आई थीं।

पुलिस ने इनके पहचान पत्र को देखने के बाद भी सबरीमाला मंदिर के अंदर जाने नहीं दिया। यह मामला उस समय सामने आया है, जब उच्चतम न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सबरीमाला पर 28 सितंबर 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई, जिसको 7 न्यायमूर्तियों की बड़ी बेंच को भेज दिया गया है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगले फैसले तक सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। हालाँकि सबरीमाला मंदिर की परंपरा के मुताबिक 10 से 50 साल के बीच की उम्र की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है।

जिन महिलाओं को सबरीमाला मंदिर के अंदर जाने से रोका गया है, वो तीनों ही आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आई थीं और श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का हिस्सा थीं। केरल पुलिस ने पंबा बेस कैम्प में पहचान पत्र देखने के बाद इन महिलाओं को रोक दिया।

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