नई दिल्ली।। महिलाओं के साथ इजरायल की सेना में यौन-शोषण का मामला सामने आया है। कुछ महिला सैनिकों ने अपने साथी फौजियों पर रेप करने का आरोप लगाया है। पहले भी ऐसा कहा जाता रहा है कि इजरायल की सेना में महिलाओं की हालत ठीक नहीं।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक दस में छह महिला सैनिकों को यौन शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।
‘द येरूशलम’ के अनुसार इजरायल की महिला सैनिकों ने पिछले दिनों अपने साथ
हुए यौन शोषण को लेकर एक ब्रिगेडियर के खिलाफ शिकायत की।
शिकायत में पीड़ित महिला सैनिकों ने कहा कि उन्हें ड्यूटी पर बंदूक चलाने से ज्यादा ‘सेक्स’ करना पड़ता है।
ड्यूटी पर किसी ना किसी बहाने उनके सीनियर अफसर उनसे यौन संबंध बनाते हैं।
पीड़ित महिला सैनिकों ने एक ब्रिगेडियर पर आरोप लगाते हुये कहा कि ब्रिगेडियर बिना इजाजत महिलाओं के बंकर में घुस आते हैं और फिर उनका रेप करते हैं। रेप करने के बाद महिलाओं को प्रमोशन का भी लालच दिया जाता है।
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आपको बता दें कि इजराईली ‘न्यूज वेबसाइट’ के मुताबिक पिछले साल ही
यौन शोषण के मामले में 24 पुरुष सैनिक गिरफ्तार किये गये हैं।
जिन्हें मिलिट्री पुलिस की कस्टडी में रखा गया है।
हालाँकि इजराईल के ही महिला सैनिकों के एक ग्रुप ने सिर्फ ‘अंडरवियर’
पहने और हाथों में कुछ असलहे लेकर फोटो खिंचावाई और फिर उसे सोशल साइट पर अपलोड भी कर दिया।
मामला सामने आने के बाद सेना ने उन आरोपी सैनिकों के खिलाफ
अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी है। इससे पहले भी इजराईली सेना के कई
युवा सैनिकों को फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स में इस तरह की
आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करने पर सेना की तरफ से फटकार मिल चुकी है।
ताजा मामला दक्षिण इजरायल के मिलिट्रि-बेस का है, जहां इन आरोपी महिलाओं की कुछ समय पहले ही पोस्टिंग हुई थी। ‘फेसबुक’ पर अपनी आपत्तिजनक तस्वीरें अपलोड करने के खिलाफ इन महिला सैनिकों के खिलाफ सेना ने कार्रवाई की है।
फेसबुक पर अपलोड किये गए एक फोटो में महिला सैनिक अपने ‘अंडरवियर’ दिखाने के लिए वर्दी उतारते हुये भी दिख रही हैं। वहीं, एक दूसरी तस्वीर में 5 महिलाएं एक बैरक में दिखाई दे रही हैं, जहां उन्होंने सिर्फ ‘हेलमेट’ पहना है
और उनके हाथ में कुछ असलहे हैं। फोटो में सैनिकों के चेहरे ‘ब्लर’ यानी कि धुंधले कर दिये गये हैं।
सेना की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “अधिकारियों ने आरोपी सैनिकों को अनुशासित कर दिया है।” हालांकि विज्ञप्ति में सैनिकों की पहचान ‘गुप्त’ रखी गई है और दी गई सजा के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है।
सेना के अधिकारियों का निर्देश है कि सैनिक फिर इस तरह का काम ना करें इसके लिये मिलिट्री-बेस में शैक्षणिक व्याख्यान भी आयोजित किये गये।
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