नई दिल्ली ।। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी भले ही विपक्षी एकता का दावा कर रही हो, लेकिन चुनाव में स्थिति बदलती नजर आ रही है। क्योंकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने राज्य की अधिकांश सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करने की बात कही है।
वहीं, कांग्रेस के अलावा ममता की तृणमूल कांग्रेस को BJP और वामदलों से भी जूझना होगा। आपको बता दें कि 2 साल पहले राज्य में हुए विधानसभा चुनाव कांग्रेस और वाम दलों ने गठबंधन किया था। चुनाव में 293 सीटों वाली विधानसभा में ममता बनर्जी ने 211 सीटें हासिल कर करीबन 3 चौथाई सीटों पर कब्जा कर लिया। चुनाव में खाए झटके के बाद वाम दल और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
दरअसल, कांग्रेस नेताओं की मानें तो पुलिस कमिश्नर और CBI विवाद में ममता बनर्जी मोदी सरकार के विरोध में धरने पर बैठक खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने के प्रयास में थीं। इसके पीछे एक कारण यह भी था कि राज्य में 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक कांग्रेस या वाम दलों की ओर न खिसक जाएं। वहीं, ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के साथ पूछताछ का विरोध किया।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो इसको विपक्षी पार्टियों की एकजुटता को तोड़ने का प्रयास करार दिया। आपको बता दें कि इससे पहले ममता बनर्जी पश्चिम बंगाम में पुलिस कमिश्नर पर CBI कार्रवाई को लेकर धरने पर बैठी थी। इस दौरान ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार संस्थानों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया था।