ND तिवारी का कल होगा अंतिम संस्कार, आज शाम तक कर सकेंगे अंतिम दर्शन

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उत्तर प्रदेश ।। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी (एनडी तिवारी/ ND Tiwari Dies) का निधन 93 वर्ष की आयु में गुरुवार को के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में हुआ। एनडी तिवारी का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

गुरुवार को एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर ने जानकारी दी कि पार्थिव शरीर को तिलक मार्ग स्थित उनके निवास स्वतंत्रत सदन ले जाया जाएगा। इसके बाद एयर एम्बुलेंस से लखनऊ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी बात हुई है। यहां विधानसभा में अंतिम दर्शन के बाद एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर को उत्तराखंड के पंतनगर ले जाया जाएगा। वहीं, उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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1991 के चुनाव में वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे। लेकिन दुर्भाग्य से किस्मत ने साथ नहीं दिया और वे नैनीताल संसदीय सीट से लोक सभा का चुनाव मात्र 800 वोट से हार गए। इस पर प्रधानमंत्री की कुर्सी नरसिम्हा राव को मिली। 1994 में कांग्रेस से उनके मतभेद गहरा गए। इस पर कांग्रेस से इस्तीफा देकर वरिष्ठ कांग्रेसी अर्जुन सिंह व कुछ सांसदों को साथ लेकर उन्होंने आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) के नाम से नई पार्टी खड़ी कर दी।

कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के संभालने के बाद वे दो साल के भीतर ही कांग्रेस में शामिल हो गए। 1996 के लोक सभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन तिवारी चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंच गए। 1999 में फिर से वे लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए।

20 सिंतबर 2017 को ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद एनडी तिवारी को साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया था। इसके बाद से ही उनकी तबीयत नाजुक बनी हुई थी। हालांकि ब्रेन स्ट्रोक का सफल इलाज होने के बाद एनडी तिवारी की फिजियोथैरेपी डॉ. जेडी मुखर्जी की निगरानी में शुरू हुई थी। कुछ दिन फिजियोथैरेपी चलने के बाद अचानक से उनकी तबियत खराब हो गई और उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा।

एनडी तिवारी एवं उनके परिवार से मुलाकात के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित तमाम राजनीतिक हस्तियां अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले दो महीने से एनडी तिवारी अचेत अवस्था में थे। उनके शरीर में सूजन होने से क्रिटिनाइन का स्तर काफी बढ़ गया था। इसके चलते डॉक्टरों ने डायलिसिस देना शुरू किया।

स्वर्गीय एनडी तिवारी का जन्म नैनीताल के बलौटी गांव में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई के बाद वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए, जहां से उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए और फिर एलएलबी की। वह 1947 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। नारायण दत्त तिवारी देश के पहले ऐसे राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें दो-दो राज्य का मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ।

फोटो- फाइल

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