उत्तर प्रदेश ।। इस समय चारो तरफ चुनाव का ही माहौल चल रहा है और हर पार्टी के नेता आने वाले लोक सभा चुनाव-2019 की तैयारी में जुटे हुए है। सभी अपनी अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार में लगे हुए है। हर पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप लगा रहे है।
आपको बता दे पुरे देश में अभी भी प्रधानमंत्री बनने के लिए मोदी से बड़ा चेहरा और कोई भी नहीं है। और जब बात प्रधान मंत्री को चुनने की आये तो प्रधान मंत्री के लिए मतदाता दोबारा नरेन्द्र मोदी के नाम पर ही मोहर लगायेंगे। भाजपा अब कोई चूक नहीं करना चाहती है और उसने चुनाव के ठीक पहले सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला उनका सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक भी माना जा रहा है।
आपको बता दे मोदी सरकार के इस दांव ने लोक सभा का आधार भी बना दिया है। इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार को लोकसभा और राज्य सभा दोनों सदनों में इसका पास होना जरुरी है। लोक सभा में यह बिल तो पास हो जाएगा लेकिन विधान सभा में इसका पास होना मुश्किल ही है लेकिन सदन के आखिरी समय में संसद में यह बील लाकर मोदी ने विपक्षी पार्टियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।
कोई भी पार्टी इस बिल का विरोध करके सवर्णों के बड़े तकबे का वोट खोना नहीं चाहेगी। और चुनावी माहौल को देखते हुए कांग्रेस सहित सपा और बसपा भी इस बिल को लाने के लिए मुश्किले खड़ी करने में भी नहीं हिच किचाएंगे।
इस बिल को लेकर सवर्णों के खिलाफ “तिलक तराजू और तलवार”का नारा देने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस बिल को समर्थ देने की बात कही है। और इसके साथ उन्होंने बीजेपी के इस फैसले को चुनावी स्टंट भी बताया है।