अजब-गजब ।। इन दिनों बजरंगबली बहुत सुर्खियों में है। अभी हाल ही में उनकी जाति पर कई सवाल उठाए गए और इस बात पर सभी लोग अपनी राय रख रहे है। लेकिन भगवान हनुमान के बारे में जितना कहा जाए शायद उतना कम है।
कहा जाता है कि भगवान हनुमान को कभी ना मरने का वरदान दिया गया था अर्थात उन्हें अमर का वरदान दिया गयाा था। लेकिन उनके जीवित होने के कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिले है। लेकिन आज हम आपको हनुमान से जुड़ी एक ऐसी बात बताने जा रहे है जो इन दिनों काफी चर्चा में है।
कुछ साल पहले खबर आई थी कि बजरंगबली अपने भक्तों की पुकार सुन उनसे मिलने के जरूर आते है। खबरों की माने तो श्रीलंका के जंगल में ‘मातंग’ नाम की जनजाती निवास करती है। इस जाति की संख्या काफी कम है। इस जाति के लोगों का कहना है कि भगवान उन लोगों से मिलने के आज भी आते है।
जानकारी के मुताबिक, बजरंगबली 4 साल पहले इस जनजाति के लोगों से मिलने के लिए आए थे और उन लोगों को कहना है कि भगवान हनुमान अब वह 41 साल बाद फिर से उनसे मिलने के आएंगे।
खबरों के मुताबिक, मांतग जाति का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है। हमारे हिंदू शास्त्र में बताया गया है कि भगवान राम के स्वर्ग जाने के बाद हनुमान दक्षिण भारत के जंगलों में चले गए थे और वहां पर मांतग जाति के समुदाय ने उनका काफी स्वागत सत्कार किया था। इसके बाद भगवान ने उनसे प्रसन्न होकर वादा किया था कि वह उनसे मिलने के लिए 41 साल बाद जरूर आएंगे।