
डेस्क. अपने देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना किसी खिलाड़ी के लिए सपना पूरा होने से कम नहीं होता। ऐसी ही उम्मीद लिए पृथ्वी शॉ नामक नन्हें सितारे ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और महज 18 की उम्र में टीम इंडिया के लिए टेस्ट डेब्यू करते हुए इतिहास रच दिया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली अपनी पहली ही सीरीज में पृथ्वी ने 2 मैच की 3 पारियों में 1 शतक और 1 अर्धशतक के साथ 252 रन ठोक डाले। इस कमाल के खेल के लिए उन्होंने मैन ऑफ द सीरीज से भी नवाजा गया। वैसे शॉ अकेले नहीं जिन्हें अपनी डेब्यू सीरीज में यह पुरस्कार मिला हो। आगे देखिए इस सूची में आने वाले धुरंधर खिलाड़ियों की लिस्ट…
प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट से अपने करियर का आगाज किया था। भारतीय टीम सीरीज में 0-1 से पिछड़ रही थी।
उस मैच में जब गांगुली बल्लेबाजी करने उतरे तो सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरूद्दीन के रूप में भारतीय टीम अपने दोनों सलामी बल्लेबाज खो चुकी थी।
‘क्रिकेट के मक्का’ कहे जाने वाले इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर शतक बनाने वाले सौरव गांगुली चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक है। सौरव गांगुली ने 301 गेंदों का सामना करके 131 रन की शानदार पारी खेली थी उन्होंने अपनी इस शतकीय पारी के दौरान 20 शानदार चौके लगाए थे।
गांगुली उस समय अपने डेब्यू मैच में शतक लगाने वाले 10वें खिलाड़ी बने थे। सौरव गांगुली ने इस टेस्ट मैच के बाद ट्रेंटब्रिज में हुए दूसरे टेस्ट मैच में भी शानदार 136 रनों का शतक लगाया था। आपकों यह भी बता दे, कि गांगुली के डेब्यू मैच में ही राहुल द्रविड़ ने भी अपना डेब्यू किया था और उन्होंने भी एक शानदार 95 रन की पारी अपने डेब्यू मैच में खेली थी।
लॉर्ड्स और फिर नॉटिंघम टेस्ट में बनाए अपने इस यादगार शतकीय पारियों के लिए गांगुली को अपनी डेब्यू सीरीज में ही मैन ऑफ द सीरीज के खिताब से नवाजा गया।
आश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। दिल्ली के मैदान पर खेले गए अपने पहले मुकाबले में ही अश्विन ने 9 विकेट अपने नाम किए थे। इसके बाद मुंबई में हुए तीसरे टेस्ट में अश्विन ने 2 विकेट लेने के साथ शानदार शतक भी जड़ा था।
उस सीरीज में अश्विन को उनके ऑलराउंड खेल के लिए मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था। पूरी श्रृंखला के दौरान अश्विन ने तीन मैचों में 22 विकेट लिए थे और 1 शानदार शतक भी लगाया था।
रोहित शर्मा ने साल 2013 में कोलकाता के ईडन गार्डन मैदान पर वेस्टइंडीज के ही खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। रोहित शर्मा ने 108 वनडे मैच खेलने के बाद टेस्ट में डेब्यू किया था।
हिटमैन रोहित ने अपने करियर के पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट की शुरुआत 177 रन की पारी के साथ की। इसके बाद अगले ही टेस्ट में रोहित ने वानखेड़े के मैदान पर 111 रन की शतकीय पारी खेली थी। रोहित की बदौलत ही भारत वो श्रृंखला जीत पाया था। ऐसे में उनका टेस्ट डेब्यू एक ड्रीम डेब्यू साबित हुआ था।
वनडे में तीन बार दोहरा शतक लगाने का कमाल करने वाले रोहित का जादू टेस्ट क्रिकेट में नहीं चल सका। 43 टेस्ट पारियों में रोहित करीब 40 की एवरेज से 1479 रन ही बना सके।
स्कूल क्रिकेट में सचिन तेंदलुकर का रिकॉर्ड तोड़कर सुर्खियां बटोरने वाले पृथ्वी शॉ ने अपनी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम को अंडर-19 विश्व कप दिलाया। इंग्लैंड दौरे में टेस्ट टीम में जगह जरूर मिली, लेकिन खेलने का मौका नहीं मिल सका।
अब वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में डेब्यू करने वाले शॉ ने ऐसा धमाल मचाया कि कई कई रिकॉर्ड्स अपने नाम करते हुए मैन ऑफ द सीरीज बन गए।
राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने ताबड़तोड़ सेंचुरी जड़ दी। दूसरी पारी का मौका मिलते इसके पहले टीम को जीत मिल गई। हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 70 रन तो दूसरी पारी में नाबाद 33 रन बनाए।
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