
(पवन सिंह)
उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से अब फिलहाल "जनसंपर्क" हट चुका है...!! विभाग से पत्रकारों व गैर पत्रकारों की भीड़-भाड़ लगभग गायब हो चुकी है। पत्रकारों का यह मक्का-मदीना या परिक्रमा स्थल कहा जाने वाला यह विभाग इतनी जल्दी दम तोड़ देगा, ऐसा अनुमान नहीं था। विभाग में अजीब सी छूत लग चुकी है...हमेशा हंसी ठहाकों से गुलराज रहने वाला, यह विभाग अब "रामसे ब्रदर्स" की मूवी का सेट जैसा नजर आता है...!!! ऐसा लगता है कि कोई फिल्म बनने वाली हैं.."मीडिया का कब्रिस्तान" ...."अक्षरों का श्मशान"..."भेड़िया धसान" .. टाइटिल टाइप्स...!!! कारण है अब यहां छोटे व मझोले अखबारों को कुछ खास नहीं मिलता...!! प्रेस आतिथ्य के नाम पर अब गाड़ी -घोड़ा भी मिलना बंद ही हो चुका है..!!
दूसरा कारण है फाइल रख कर अंडा देने की परंपरा का आरंभ....!! जैसे मुर्गी अंडों पर बैठकर उन्हें ऊष्मायन (inculcation) की प्रक्रिया से गुजारती है, जिसमें वह अंडों को गर्मी प्रदान करती है ताकि अंदर के भ्रूण विकसित होकर चूजे बन सकें। यह प्रक्रिया भ्रूणों को सही तापमान (लगभग 100-101° फ़ारेनहाइट) पर रखती है और अंडे पलटने से सुनिश्चित होता है कि भ्रूण खोल से चिपके नहीं और सभी को बराबर गर्माहट मिले। मुर्गी नियमित रूप से अंडे पलटने के लिए अपनी चोंच का उपयोग करती है और इस दौरान वह लगभग 20 मिनट के लिए ही घोंसले से बाहर निकलती है। ...ठीक ऐसे ही यहां विभागीय स्तर पर कई जगह "मुर्गीनुमा बाबू" विभिन्न पदों पर "चस्पायमान" कर दिये गये हैं...और ये सब के सब फाइलों पर अंडा देकर उसी पर दो-दो-तीन-तीन हफ्ते जमा रहते हैं..!! "चोंच" से पूरा दिन फाइलों के पन्ने पलटते हैं और "फाइलों से जुआं बीनने" के क्रम में उनको "भाव विनोद" करते-करते याद आता है कि इसमें एक कमी है..!! इसके बाद फाइल अंडों समेत (एक संक्षिप्त टिप्पणी समेत) संबंधित सेक्शन में "विनोदात्मक" अंदाज में "मिश्री" खाते हुए भेज दी जाती है..!!! फिर उन फ़ाइलों पर मांगी गई क्योरी दूर कर फाइल फिर से "विनोद भाव" में "चुनचुनाती" हुई, वापस " मिश्री" लपेटकर भेज दी जाती है...!! इसके बाद फिर से "विनोदप्रिय" अंदाज में फाइल पर अंडा देने की प्रक्रिया शुरू होती है। इस तरह से निदेशक के ही स्पष्ट आदेश के बावजूद हफ्तों तक फाइलें "अंडा सेल" में पड़ी रहती हैं...लोग नगर निगम, विकास प्राधिकरणों और कचहरी परिसर के गलियारों की तरह "यत्र तंत्र सर्वत्र" विभाग में एक नंबर तल से छह नंबर तल तक टहलते रहते हैं...!!! शाम बजे तक भाव विनोद भर कर फिर लौट जाते हैं...अगले दिन फिर इस आशा-प्रत्याशा के साथ आते हैं कि शायद आज फाइल के अंडों से चूजे निकल आये हों... लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात...!!!
अब तो माध्यमिक शिक्षा विभाग से लेकर सूचना विभाग के बीच लगातार चक्कर मारने वाले "कालू" (doggi) ने भी "जनसंपर्क" करना बंद कर दिया है...अपना कालू भी अब रोज "पाल होटल" की ओर या "बैंक ऑफ बड़ौदा" की ओर दिखाईं देने लगा है..!!! हां..!! तो भाई लोगों आराम से फाइलों पर बैठकर अंडे गर्म करते रहिए ... चूज़े 2027 में निकल आयेंगे...!!!