लखनऊ।। लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ इनवेस्टर समिट में सैकड़ों निवेशकों को आमंत्रित कर रहे हैं। यहां पर निवेश के लिए लोगों को भरोसा दे रहे हैं, लेकिन औद्योगिक विकास का ही विभाग UPSIDC भूखंड आवंटन में घोटाला करने में जुटा हुआ है। सूत्रों की माने तो मंत्री सतीश महाने को अंधेरे में रखकर करोड़ों रुपए की लूट की गई है।
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गौरतलब है कि मैनपुरी के भोगांव में UPSIDC भूखंड आवंटन कर रही थीं। इन सभी भू खंडों को लाटरी के माध्यम से किए जाने थे। कुल 300 भूखंडों का आवंटन होना था। इसका विज्ञापन भी निकाला गया था, लेकिन इन 300 प्लाट के सापेक्ष कुल 200 आवेदन आए थे। इनमें से 170 लोगों को प्लाट देने थे।
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बताया जा रहा है कि जिससे पैसे मिल गये उनकी लाटरी निकाल दी गई, और जिनसे पैसे नहीं मिले, उनकी लाटरी ही नहीं निकाली। इसकी दलील दी जा रही है कि आवेदक लाटरी के समय उपस्थित नहीं थे। पैसे की लेन देन नहीं हो पाने की वजह से RM ने विनोद कुमार ने उनकी लाटरी रोक ली।
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आगरा के आरएम विनोद कुमार ने इसको लेकर बताया कि सभी लोगों को प्लाट मिलेगा, जिन्हें नहीं मिला है उन्हें बाद में दे दिया जाएगा। हालांकि वह इसका जवाब नहीं दे पाए कि जब आवेदन की संख्या प्लाट की संख्या से कम थी ऐसे में सभी को प्लाट देने में कोताही क्यों बरती गई।
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यह भी बताया जा रहा है कि कुछ लोगों से लाटरी के नाम पर 2 लाख रुपए लिये गये, जिन लोगों ने पैसे नहीं दिये और मिलने नहीं आये उनकी लाटरी को रोक लिया गया। सवाल ये उठता है कि लाटरी सिस्टम में मिलने का क्या मतलब है। हालांकि विभागीय अधिकारियों की माने तो यह पैसा ऊपर तक जाता है। ऐसे में कार्रवाई कोई करेगा इसकी संभावना बहुत कम है।
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ऑनलाइन क्यों नहीं जारी की गई लिस्ट
सवाल ये भी उठता है कि UPSIDC हर लिस्ट को ऑनलाइन करने की बात करती है, आखिर इस लिस्ट को ऑनलाइन करने से क्यों बच रही है। क्यों अंदर ही अंदर नाम जोड़कर प्लाट अलाट किए जा रहे हैं। यदि यही आवंटन ऑनलाइन हो जाता तो लाखों करोड़ों रुपए का यह स्कैम न हो पाता।
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