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महापौर प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद अब सबकी नजर निगम के वार्ड समितियों के चुनाव पर है। तीनों निगम में सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदर पहाड़ जोन चेयरमैन के पद के लिए होने की उम्मीद है। क्योंकि यहां इस बार भाजपा और कांग्रेस के पार्षद मिलकर आम आदमी पार्टी खिलाफ लामबंद हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो आम आदमी पार्टी के हाथ से सदर पहाड़गंज जोन के चेयरमैन का पद जा सकता है। 

ये है स्थिति

दरअसल, जोन में 13 निगम पार्षद हैं तो वहीं चार सदस्य मनोनीत है। यहां जोन में मनोनीत सदस्यों को भी चेयरमैन पद के लिए मतदान करने का अधिकार होता है। अगर दल अनुसार सदस्यों की बात करें तो सत्तारूढ़ भाजपा के इस जोन में तीन सदस्य हैैं, तो कांग्रेस के छह और आम आदमी पार्टी के 4 सदस्य हैं। चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के पद का चुनाव जोन के सदस्यों द्वारा किया जाता है।

‘आप’ को हार का सामना करना पड़ सकता है

अगर भाजपा और कांग्रेस के सदस्य समझौता करके चुनाव लड़े तो आम आदमी पार्टी को यहां हार का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि दोनों पार्टियों की सदस्यों की संख्या 9 हो जाती है और आम आदमी पार्टी और मनोनीत सदस्यों के वोट की संख्या आठ ही रहेगी।

जोड़तोड़ का खेल शुरू

माना जा रहा है कि स्थायी समिति के सदस्य के लिए चुनाव में यहां मुकेश गोयल को भाजपा के पार्षद समर्थन दे सकते हैं तो वहीं जोन में कांग्रेस के पार्षद भाजपा को चेयरमैन पद के लिए समर्थन दे सकते हैं। जिसके लिए पार्षदों ने अपने स्तर पर जोड़-तोड़ का खेल शुरू कर दिया है। 

भाजपा से समझौता नहीं करेंगे

हालांकि सदर पहाड़गंज जोन में पिछली बार चेयरमैन पद का चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस पार्षद आले मोहम्मद का कहना है कि वह भाजपा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। जोन समितियों के चेयरमैन का चुनाव 10 मई को होगा। जिसमें मतदान होना तय माना जा रहा है। 

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