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नई दिल्ली/लखनऊ ।। मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले की तरह एमडी/एमएस की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में धांधली का मामला सामने आया है। सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ कर ऐसे लोगों को परीक्षा पास करा दी गई जो इसके लायक नहीं थे।

उपरोक्त मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस फर्जीवाड़े के तार दिल्ली के अलावा यूपी, बिहार, झारखंड, और बेंगलुरु से जुड़े हुए हैं।

पुलिस को मामले में एक दर्जन से ज्यादा और लोगों की तलाश है। पुलिस की गिरफ्त में आए दो लोगों की पहचान वाराणसी निवासी अभिषेक सिंह और बिहार निवासी अतुल वत्स के रूप में हुई है।

आरोप है कि इन्होंने दिसंबर 2016 में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की तरफ से आयोजित एमडी और एमएस की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया। सूत्रों ने बताया कि इस पूरे फर्जीवाड़े में अतुल वत्स ने अहम भूमिका निभाई। उसने परीक्षा के साइट सुपरवाइजर को लालच देकर अपने साथ मिला लिया।

परीक्षा में आए सवालों के जवाब देने के लिए तीन डॉक्टर दिल्ली के द्वारका स्थित एक होटल में मौजूद थे। सुपरवाइजर ने शेयरिंग सॉफ्टवेयर की मदद से सवाल इन डॉक्टरों तक पहुंचा दिए। डॉक्टरों ने जवाब लिखकर केंद्रों पर मौजूद परीक्षार्थियों को भेज दिए।

पुलिस ने मामले में दो माह छानबीन की। इसके बाद 10 अप्रैल को अभिषेक और अतुल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर इस परीक्षा में बैठने वाले डॉक्टरों की मदद की है। पुलिस ने अदालत में पेश कर इन युवकों को दस दिन की रिमांड पर लिया और पूरी जानकारी जुटाई।

पूछताछ में अभिषेक ने पुलिस को बताया कि प्रश्नपत्र हल करने के लिए उसके दोस्त राहुल ने डॉक्टरों को बुलाया था। राहुल के बारे में उसने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। लेकिन इस खुलासे के बाद पुलिस राहुल की तलाश कर रही है। उसके मिलने के बाद उन डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया जाएगा जिन्होंने प्रश्नपत्र हल किया था।

फोटोः प्रतीकात्मक।